नई दिल्ली: क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में तैनात SPG कमांडो अपने साथ हमेशा एक काला ब्रीफकेस रखते हैं और वो हमेशा अपनी आंखों पर काला चश्मा लगाए रहते हैं. क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे SPG कमांडो की क्या रणनीति होती है. SPG कमांडो के ब्रीफकेस में क्या होता है और काला चश्मा लगाने के पीछे वजह क्या है?

बता दें कि SPG कमांडो का ब्रीफकेस सामान रखने वाला ब्रीफकेस नहीं होता है. ब्रीफकेस के रूप में ये शील्ड होती है. ये शील्ड बुलेट प्रूफ होती है. बंदूक की गोलियों का इस पर कोई असर नहीं होता है. अगर कभी प्रधानमंत्री पर हमला होता है तो SPG कमांडो ये ब्रीफकेस खोल कर बुलेटप्रूफ शील्ड से पीएम की सुरक्षा करेंगे. स्पेशल ब्रीफकेस में एक गन भी होती है, जिससे SPG कमांडो पटलवार कर सकते हैं.

आपने ध्यान दिया होगा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात SPG कमांडो हमेशा काला चश्मा लगाए रहते हैं. इसके पीछे भी एक खास वजह है. दरअसल पीएम मोदी के बॉडीगॉर्ड हर तरफ नजर रखते हैं और काला चश्मा लगा होने की वजह से किसी को पता ही नहीं चलता है कि वो किस तरफ देख रहे हैं. चाहे जिस तरफ से हमला हो SPG के कमांडो हमेशा अलर्ट रहते हैं.

काले चश्मे का एक और कारण भी है. दरअसल अगर किसी के सामने ब्लास्ट हो जाए तो चमकदार रोशनी की वजह से उसकी आंखें चौंधिया जाती हैं. ऐसे में कुछ देर तक शख्स को कुछ दिखाई नहीं देता है. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ही SPG कमांडों अपनी आंखों पर हमेशा काला चश्मा लगाए हुए दिखते हैं. ब्लास्ट की रोशनी के प्रभाव को काला चश्मा रोक लेता है.

जान लें कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) का गठन साल 1984 में किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद SPG के गठन का फैसला किया गया था. SPG के जवान बहुत ही फुर्तीले होते हैं. SPG कमांडो की सुरक्षा प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और विदेशी मेहमानों को दी जाती है. SPG कमांडो अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं.