नई दिल्ली. कानपुर के इत्र व्‍यापारी पीयूष जैन के घर से अब तक 64 किलो सोना मिल चुका है. इसकी मार्केट वैल्यू करीब 32 करोड़ रुपये है. व्यापारी के घर से लगभग 250 किलो चांदी भी बरामद की गई है. पीयूष जैन तो बड़ा व्यापारी है, यदि उसने GST और टैक्स भरा होता तो भी वह इतना सोना और चांदी खरीदकर रख सकता था, लेकिन क्या आप जानते हैं एक आम व्यक्ति अपने घर में कितना सोना रख सकता है? नहीं जानते तो जान लीजिए.

सरकारी नियमों के मुताबिक, विवाहित महिला घर में 500 ग्राम, अविवाहित महिला 250 ग्राम और पुरुष 100 ग्राम सोना बिना इनकम प्रूफ दिए रख सकते हैं. तीनों कैटेगरी में तय लिमिट में सोना घर में रखने पर इनकम टैक्स विभाग सोने के आभूषण जब्त नहीं करेगा.

कब देना होगा इनकम प्रूफ
यदि अलग-अलग कैटेगरी के लोगों के लिए तय लिमिट से अधिक सोना घर में रखा जाता है तो व्यक्ति को इनकम प्रूफ देना जरूरी होगा. इसमें सोना कहां से आया और कैसे खरीदाय, इससे जुड़े सबूत इनकम टैक्स विभाग को दिखाने पड़ेंगे. CBDT ने 1 दिसंबर 2016 को एक बयान जारी कर कहा था कि अगर किसी नागरिक के पास विरासत में मिले सोने समेत, उसके पास उपलब्ध सोने का वैलिड सोर्स है और वह इसका प्रमाण दे सकता है तो नागरिक कितनी भी गोल्ड ज्वैलरी और ऑर्नामेंट्स रख सकता है.

ITR फाइल करते समय देनी होगी जानकारी
अगर किसी की सालाना इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल में आभूषणों की घोषित वैल्यू और उनकी वास्तविक वैल्यू में कोई अंतर नहीं होना चाहिए. नहीं तो फिर आपको इसका कारण बताना पड़ेगा.

जानिए सोने पर टैक्स का नियम?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिजिकल गोल्ड की खरीद पर 3 फीसदी GST देना होता है. वहीं अगर टैक्स की बात करें तो ग्राहक द्वारा फिजिकल गोल्ड बेचने पर टैक्स देनदारी इस बात पर निर्भर करती है कि आपने कितने समय तक इन्हें अपने पास रखा है. अगर गोल्ड को खरीद की तारीख से तीन साल के भीतर बेचा जाता है तो इससे हुए किसी भी फायदे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और इसे आपकी सालाना इनकम में जोड़ते हुए एप्लीकेबल इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स का कैलकुलेशन किया जाएगा.

इसके उलट अगर आप तीन साल के बाद गोल्ड बेचने का फैसला करते हैं तो इससे मिले पैसों को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और इस पर 20 फीसदी की टैक्स देनदारी बनेगी. साथ ही इंडेक्सेशन बेनिफिट्स के साथ 4 फीसदी सेस और सरचार्ज भी लगेगा.

सरकार ने बदले सोने के गहनों से जुड़े नियम
भारत में सोने की ज्वेलरी और कलाकृतियों के लिए BIS हॉल मार्किंग अनिवार्य की जा रही है. इसको लेकर केंद्र सरकार 15 जनवरी 2020 को अधिसूचना भी जारी करेगी. अधिसूचना जारी करने के ठीक एक साल बाद यानी 15 जनवरी 2021 से सोने के गहने पर BIS हाल मार्किंग अनिवार्य होगा. BIS हॉल मार्किंग अनिवार्य होने के बाद अगर कोई ज्वेलर नियमों की अनदेखी करता है तो 1 लाख रुपये का जर्माना और एक साल की सजा हो सकती है. इसके अलावा जुर्माने के तौर पर सोने की वैल्यू का पांच गुना तक चुकाने का प्रावधान भी किया गया है.