यूपी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) समाजवादी पार्टी एक साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इस बीच आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने गुरुवार को अखिलेश यादव से मुलाकात की है. ये बैठक करीब 2 घंटे तक चली. कहा जा रहा था कि इस बैठक में जयंत सीट शेयरिंग को लेकर बात करेंगे. लेकिन बैठक के बाद जिस तरह से दोनों ने ट्वीट कर औपचारिक बयान दिया उससे लगता है कि सीटों के बंटवारे को लेकर मामला फंस गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब दोनों साथ लड़ने की बात कह ही चुके हैं तो फिर दिक्कत कहां हो रही है.

अखिलेश-जयंत की मुलाकात में क्या हुआ?
यूपी विधानसभा चुनाव एकदम नजदीक हैं चुनाव आयोग कभी भी तारीखों को एलान कर सकता हैं लेकिन अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच अब तक सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि जयंत चौधरी इस बार किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी को मिल रहे जनसमर्थन से इतने उत्साहित हैं कि वो अखिलेश से करीब 38 सीटें मांग रहे हैं. वहीं सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव उन्होंने गठबंधन में सबसे ज्यादा सीट देना तो चाहते हैं लेकिन वो 30-33 सीट ही देना चाहते हैं. इसके साथ वो ये भी चाहते हैं कि इनमें 8 से 10 सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारे.

सीट शेयरिंग को लेकर कहां फंसा पेच
परेशानी ये है कि इस यूपी विधानसभा में फिलहाल आरएलडी का एक भी विधायक नहीं है. 2017 में जो एक विधायक जीते भी वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. अगर अखिलेश यादव सबसे ज्यादा सीट आरएलडी को देंगे तो ऐसा भी हो सकता है कि दूसरे सहयोगी जैसे ओपी राजभर भी ज्यादा सीटों की मांग कर सकते हैं क्योंकि उनकी पार्टी के 4 विधायक हैं. इनके अलावा उनकी पार्टी कई और छोटे-छोटे दलों के साथ भी गठबंधन कर रही है जिन्हें वो एक या दो सीट देकर शांत कर लेंगे लेकिन सबसे बड़ा सवाल आरएलडी और सुभासपा को लेकर है.

अखिलेश यादव ने इस बार अपने गठबंधन में 12 दलों को शामिल किया है. अब चुनाव बेहद करीब है कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है लेकिन अभी तक इन दलों के साथ सीट शेयरिंग का फार्मूला सामने नहीं आया है.