लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही तमाम राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी सपा , बसपा और कांग्रेस सभी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. हालांकि इस बीच विधानसभा चुनावों में पहली बार किस्मत आजमा रही चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने अभी तक अपने सियासी पत्ते नहीं खोले हैं. खबर है कि भीम आर्मी चीफ आजाद 10 जनवरी के बाद आगामी चुनावों को लेकर रणनीति साफ करेंगे.
आजाद समाज पार्टी (आसपा) का विधानसभा चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. चुनाव आयोग की ओर से इस पार्टी को केतली चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है. आसपा ने बीते वर्ष जिला पंचायत चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से दो ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद से ही चंद्रशेखर आजाद की पार्टी का विधानसभा चुनाव लड़ना भी तय माना जा रहा था.
चंद्रशेखर आजाद तब से कई पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. पिछले दिनों शिवपाल सिंह और ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात की. इसके अलावा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ मुलाकात के बाद गठबंधन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई. वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के साथ मुलाकात के भी कई मायने निकाले गए. हालांकि अभी तक आजाद की ओर से इन मेल-मुलाकातों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ऐसे में सियासी गलियारों में यह सवाल उठ रहे हैं कि चंद्रशेखर की आजादी समाज पार्टी विधानसभा चुनाव में अकेले उतरेगी या किसी दल के साथ गंठबंधन करेगी. खबर है कि पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद 10 जनवरी के बाद विधानसभा चुनाव को लेकर अपना रुख जाहिर करेंगे. इसके साथ वह अपना चुनावी एजेंडा भी साझा करेंगे.