मैकडॉनल्ड्स के पूर्व कर्मचारी और सॉफ्टवेयर डेवलपर चांगपेंग झाओ ने संपत्ति के मामले में एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी को पछाड़ दिया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार झाओ की संपत्ति करीब 96 अरब डॉलर है जबकि मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 92 अरब डॉलर है।
44 वर्षीय चांगपेंग झाओ असल में क्रिप्टोकरेंसी के बड़े निवेशक हैं। उनकी कुल संपत्ति मार्क जुकरबर्ग और गूगल के संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन से भी ज्यादा है। हालांकि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि झाओ की संपत्ति 96 बिलियन से भी ज्यादा हो सकती है क्योंकि इसमें उनकी अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स शामिल नहीं है। उनके द्वारा बनाई गई कंपनी बाइनेंस के कॉइन पिछले साल लगभग करीब 1300% तक बढ़े हैं।
सीजेड नाम से पहचाने जाने वाले झाओ जल्दी ही संयुक्त अरब अमीरात के प्रमुख लोगों में शामिल हो रहे हैं। वे अबुधाबी में शाही घरानों के साथ बैठके कर रहे हैं। वे बाइनेंस एक्सचेंज बिजनेस को अबुधाबी में लाने के लिए काफी उत्सुक हैं। इतना ही नहीं उन्होंने पिछले दिनों दुबई में एक अपार्टमेंट भी ख़रीदा है। बीते दिनों उन्होंने बुर्ज खलीफा और पाम जुमेराह में एक डिनर भी आयोजित किया था। इसकी वजह से वे यूएई में क्रिप्टो के प्रमुख चेहरे बन रहे हैं।
झाओ ने अपनी कंपनी की स्थापना चीन में की थी लेकिन बाद में उन्हें चीन से निर्वासित होना पड़ा। कंपनी पर पिछले दिनों कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगे हैं। अमेरिका का राजस्व विभाग इसकी जांच भी कर रहा है। अमेरिका यह जांच कर रहा है कि कहीं झाओ की कंपनी में कर चोरी या मनी लॉन्ड्रिंग तो नहीं हुई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार बाइनेंस को पिछले साल 20 बिलियन डॉलर का राजस्व हुआ है।
चांगपेंग झाओ का जन्म चीन के जिआंगसु राज्य में हुआ था। उनके पिता विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर थे लेकिन बाद में चीनी सरकार ने उन्हें देश के ग्रामीणों इलाकों में निर्वासित कर दिया। झाओ 12 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ कनाडा के वैंकूवर आ गए। टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी रखने वाले झाओ ने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की। बाद में उन्होंने ब्लूमबर्ग और कई फाइनेंस कंपनियों में काम भी किया। साल 2013 में उन्होंने बीटीसी चीन के तत्कालीन सीईओ बॉबी ली और निवेशक रॉन काओ के कहने पर पहली बार क्रिप्टो में निवेश किया था।