नई दिल्ली. केएल राहुल की कप्तानी में पहला वनडे मैच खेल रही भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छी शुरुआत के बाद भी हार गई. मेजबान दक्षिण अफ्रीका ने यह मैच आखिर में भले ही आसानी से जीत लिया. लेकिन अगर हार-जीत के अंतर की बजाय खेल की बात की जाय तो दोनों ही पारियों में एक वक्त ऐसा आया, जब लग रहा था कि भारतीय टीम जीत की ओर बढ़ रही है. हालांकि, मेजबान टीम ने दोनों ही पारियों के बीच में खेल कर दिया.

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला वनडे मैच पार्ल के बोलैंड पार्क में खेला गया. दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बवूमा ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया. उनका यह फैसला तब सवालों में घिरता दिखा जब दक्षिण अफ्रीकी टीम पहले 15 ओवर में सिर्फ 58 रन बना पाई. 16वें ओवर की पहली गेंद पर उसने अपने दूसरे ओपनर क्विंटन डिकॉक का विकेट गंवाया. कुछ देर बाद एडेन मार्करम भी रन आउट हो गए. यानी एक समय भारत ने मेजबान टीम के 68 रन बनने तक 3 विकेट झटक लिए थे. जिस मैदान पर पहली पारी का औसत स्कोर 322 रन हो, उसमें भारत की ऐसी शुरुआत शानदार थी, लेकिन बीच के ओवरों में खेल बिगड़ गया.

204 रन की साझेदारी से बिगड़ा खेल
दक्षिण अफ्रीका ने 68 रन पर तीसरा विकेट गंवाने के बाद 204 रन की साझेदारी की. उसकी ओर से रासी वान डर डुसेन (129 ) ने कप्तान तेम्बा बवूमा (110) ने शानदार शतक बनाए. दक्षिण अफ्रीका ने इसी साझेदारी की बदौलत भारत की अच्छी शुरुआत के बावजूद खेल को अपने पक्ष में झुका लिया. यह साझेदारी 18वें से लेकर 49वें के बीच हुई. जब यह साझदारी टूटी तब तक मेजबान टीम का स्कोर 272 रन हो गया था.

धवन-कोहली ने दी भारत को मजबूती
भारतीय गेंदबाजों की तरह बल्लेबाजों ने भी अच्छी शुरुआत की. खासकर शिखर धवन (79) और विराट कोहली (51) ने अच्छा खेल दिखाया. ये दोनों जब बैटिंग कर रहे थे तब भारत का स्कोर 1 विकेट पर 138 रन था. यानी, मैच पर भारत की पकड़ मजबूत थी. लेकिन एक बार फिर वही हुआ, जो भारतीय गेंदबाजी के दौरान हुआ था. अच्छी शुरुआत के बाद टीम इंडिया लड़खड़ा गई.

भारत ने 50 रन बनाने के लिए 5 विकेट गंवाए
एक विकेट पर 138 रन बनाने वाले भारत ने पारी के बीच में सिर्फ 50 रन जोड़ने के लिए 5 विकेट गंवा दिए. दक्षिण अफ्रीका ने 26वें से 36वें ओवर के बीच भारत के 5 विकेट झटके. इसके साथ ही उसने खेल का रुख अपनी ओर मोड़ लिया. जो भारतीय टीम एक विकेट पर 150-160 रन बनाने तक मजबूत स्थिति में थी, वही 188 पर 6 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी. जब भारतीय टीम 200 के स्कोर से एक रन दूर थी, तब अश्विन भी चलते बने. भारत ने 214 के स्कोर पर भुवनेश्वर का विकेट गंवाया.

शार्दुल ठाकुर की फिफ्टी
जब भारत ने भुवनेश्वर के रूप में आठवां विकेट गंवाया, तब लग रहा था कि भारत लक्ष्य से 83 रन दूर था. उस वक्त लग रहा था कि भारत 60-70 से मैच हार सकता है. लेकिन शार्दुल ठाकुर ने वनडे करियर की पहली फिफ्टी लगाकर भारत को बड़े अंतर से हारने से बचा लिया. उन्होंने 43 गेंद पर 50 रन बनाए. जसप्रीत बुमराह ने भी उनका अच्छा साथ दिया. इन दोनों ने 51 रन की नाबाद साझेदारी की और भारत को 265/8 के स्कोर तक पहुंचाया.