टोक्यो. स्पर्म डोनर की मदद से मां बनने वाली महिला अब बच्चे को अपने साथ नहीं रखना चाहती. महिला की कोशिश है कि कोई और उसके बच्चे को अडॉप्ट कर ले. जापान में रहने वाली इस महिला का तर्क है कि चूंकि डोनर ने अपनी असली पहचान छिपाई, इसलिए उसे अब ये बच्चा नहीं चाहिए. दरअसल, स्पर्म डोनेट करने वाले शख्स ने खुद को जापानी और सिंगल बताया था, लेकिन अब महिला को उसकी पूरी सच्चाई पता चल गई है. 30 वर्षीय महिला पहले से शादीशुदा है और उसके एक बच्चा भी है, लेकिन उसे अपना परिवार बढ़ाना था और वो अपने पति से बच्चा नहीं चाहती थी क्योंकि वो किसी वंशानुगत बीमारी से ग्रस्त है. इसलिए महिला ऑनलाइन डोनर की तलाश कर रही थी और जुलाई 2019 में उसकी ये तलाश पूरी हुई. स्पर्म डोनेट करने वाले चीनी शख्स ने महिला को बताया कि वो जापान का रहने वाला है और अब तक उसकी शादी नहीं हुई है.
चूंकि कृत्रिम गर्भाधान जापान में विषमलैंगिक विवाहित जोड़ों तक ही सीमित है, इसलिए महिला ने गर्भवती होने की उम्मीद में डोनर के साथ 10 बार संबंध बनाए. सबकुछ महिला के अनुसार हुआ और वो प्रेग्नेंट हो गई. उसने एक बच्चे को जन्म भी दिया, लेकिन अब जब उसे डोनर की सच्चाई पता चल गई है तो वो बच्चा अपने पास रखना नहीं चाहती. महिला ने टोक्यो की एक एजेंसी से बच्चे के एडॉप्शन के लिए संपर्क किया है. साथ ही उसने स्पर्म डोनर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है. महिला ने भावनाओं से खिलवाड़ का हवाला देते हुए डोनर से बतौर क्षतिपूर्ति 2.1 मिलियन पाउंड (21 करोड़ रुपए) की भी मांग की है. उसके वकील ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि डोनर की सच्चाई जानने के बाद से महिला सदमे में है और ठीक से सो भी नहीं पा रही है.