नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में गुरुवार को उस समय नाटकीय मोड़ आ गया, जब समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन के उम्मीदवार अवतार सिंह भड़ाना ने सुबह चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की. हालांकि रात होते-होते भड़ाना ने यू-टर्न ले लिया और ऐलान कर दिया कि वह गौतमबुद्धनगर जिले की जेवर सीट से आगामी विधान सभा चुनाव लड़ेंगे.
कोविड संक्रमण की वजह से चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान
अवतार सिंह भड़ाना के वकील ने गुरुवार सुबह बयान जारी कर बताया कि अवतार सिंह भड़ाना को कोरोना हुआ है और वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. अवतार सिंह भड़ाना ने कहा कि आज सुबह उन्हें ऐसा लगा था कि उनमें कोविड के कुछ लक्षण हैं, इसलिए उन्होंने अपनी पार्टी को कहा था कि वह जनता की जान जोखिम में नहीं डालना चाहते हैं.
रात होते-होते अवतार सिंह भड़ाना का यू-टर्न
सुबह चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद देर शाम अवतार सिंह भड़ाना को दिल्ली लाया गया, जहां उनकी कोरोना जांच करवाई गई और रिपोर्ट नेगेटिव आई. इसके बाद अवतार सिंह भड़ाना के सुर बदल गए और यू-टर्न लेते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे पूर्वजों का गौरवशाली इतिहास रहा है. चाहे कोई भी मैदान हो! समाज के लिए, उनके अधिकारों के लिए, गरीबों के लिए वीरता से जंग लड़ी है. कोरोना के शुरुआती लक्षण थे, लेकिन RT-PCR की रिपोर्ट में कोरोना नहीं है. अपनों के लिए चुनाव लड़ूंगा.’
हमारे साथ हैं इमरान मसूद: समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को दावा किया कि टिकट नहीं मिलने से नाराज बताए जा रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेता इमरान मसूद ने सपा के साथ ही रहने का फैसला किया है. सपा ने अपने ट्वीट कर कहा, ‘समाजवादी पार्टी का बढ़ता कारवां. कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता इमरान मसूद जी ने अपने साथियों के साथ समाजवादी पार्टी को दिया समर्थन.’
अखिलेश ने दूरी की मसूद की नाराजगी
ट्वीट के साथ एक फोटो भी टैग की गई है, जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ इमरान मसूद तथा उनके समर्थक नजर आ रहे हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इमरान मसूद की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हुई और अखिलेश ने भी उन्हें पूरा सम्मान देने का भरोसा दिया है. सूत्रों ने दावा किया कि इससे मसूद की नाराजगी दूर हो गई और उन्होंने सपा और उसके गठबंधन के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया.
टिकट नहीं मिलने से नाराज थे मसूद
इमरान मसूद हाल ही में कांग्रेस छोड़कर सपा में आए थे और नकुड़ सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. बताया जाता है कि वह इससे नाराज थे. इमरान साल 2007 में मुजफ्फराबाद सीट से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस के टिकट पर वह दो बार सहारनपुर से लोक सभा का चुनाव लड़े थे, हालांकि दोनों बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था.