कांग्रेस छोड़ सपा का दामन थाम चुके पूर्व विधायक इमरान मसूद की टिकट न मिलने को लेकर चल रही नाराजगी अंतत: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद दूर हो गई। इमरान मसूद टिकट की राजनीति से फिलहाल बाहर हैं। हालांकि सहारनपुर और आसपास के कई जिलों में उनके प्रभाव को ध्यान में रखने के साथ ही उनकी नाराजगी दूर करने के लिए अखिलेश यादव ने संतुलन साधने का प्रयास करते हुए कुछ कदम उठाए।

इमरान के करीबी डा. रागिब अंजुम को गुरुवार को सहारनपुर में सपा जिलाध्यक्ष घोषित किया गया, दूसरी ओर इमरान के खास माने जाने वाले विवेककांत को रामपुर मनिहारान सुरक्षित सीट पर रालोद से प्रत्याशी घोषित किया गया है। उधर, जिलाध्यक्ष पद से हटे चौधरी रुद्रसेन को सपा का प्रदेश सचिव नामित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इमरान को भरोसा दिया गया है कि सरकार बनने की स्थिति में उन्हें एमएलसी बनाया जाएगा अथवा अन्य सम्मानजनक स्थान दिया जाएगा।

इमरान मसूद ने बताया कि सपा अध्यक्ष से मुलाकात हुई, उन्होंने बड़ा सम्मान दिया। उनके आदेश पर सपा प्रत्याशियों को मजबूती से चुनाव लड़वाएंगे। मैंने उनसे कोई मांग नहीं रखी, सारे निर्णय उनके हैं।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक इमरान मसूद 11 जनवरी को कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे। हालांकि सपा द्वारा उन्हें विधानसभा चुनाव लडऩे या उनके साथ सपा में गए विधायक मसूद अख्तर को कहीं से टिकट नहीं दिया गया तो ये लोग नाराज होकर वापस लौट आए थे। इसके बाद से ही इमरान मसूद को लेकर इंटरनेट मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं चलने लगीं। गुरुवार को भी इनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह खुद के तनाव में होने की बात कहते हुए कृषि फार्म हाउस जाने की बात कह रहे थे, हालांकि वह लखनऊ में थे। वहां उनकी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हुई और सभी विवाद हल कर लिए गए। अखिलेश यादव ने इमरान मसूद को टिकट तो नहीं दिया लेकिन उनके करीबियों का कद बढ़ाकर इमरान को संतुष्ट किया।

अब तक सपा जिलाध्यक्ष रहे चौधरी रुद्रसेन ने बताया कि रागिब अंजुम को पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया गया है, वहीं सपा हाईकमान ने रामपुर मनिहारन की सीट भी उनके खाते में दे दी है।

इस तरह इमरान मसूद का सपा में कद बढ़ाने का प्रयास हुआ है। हालांकि इस पूरी उठापटक में अभी तक इमरान मसूद के साथ कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए विधायक मसूद अख्तर को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यदि लड़ेंगे तो किस सीट से लड़ेंगे, असमंजस बरकरार है। इस पूरे घटनाक्रम में एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि इमरान मसूद फिलहाल समाजवादी पार्टी में रहेंगे और पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी करेंगे। सहारनपुर मंडल में गुर्जर मतदाताओं की बड़ी संख्या देखते हुए चौधरी यशपाल सिंह के पुत्र चौधरी रुद्रसेन को प्रदेश सचिव का पद दिया गया है।