पीलीभीत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान और कार्यकर्ताओं को बताने की जरूरत नहीं वोट किसे देना है। 13 महीने की ट्रेनिंग के बाद अब वह बखूबी जानते हैं उनकी फसलों को आधे दामों पर किसने बिकवाया। वह रविवार दोपहर को लखीमपुर से वापस लौटते वक्त असम चौराहे पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। वह दो दिन लखीमपुर रहे और तिकुनिया कांड में मारे गए किसानों के परिवार से मिले। जेल में बंद किसानों से भी मुलाकात की।

रविवार को वापस लौटते वक्त कार्यकर्ताओं ने कई जगह उनका स्वागत किया। खुटार, पूरनपुर, पीलीभीत असम चौराहे पर कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान राकेश टिकैत बोले कि किसानों के हक की लड़ाई हमेशा जारी रहेगी। तिकुनिया कांड में शहीद किसानों को इंसाफ मिलेगा। विधानसभा चुनाव को लेकर अपने रुख के सवाल पर बोले संगठन ने सभी किसानों और कार्यकताओं को स्पष्ट रूप से कह दिया है जो किसान हित की बात करे उसी के लिए वोट करें और जिन्होंने किसानों को गर्त में पहुंचाया, फसलें आधे दामों में बिकवाई उससे दूर रहें। उन्होंने बातों-बातों में साफ कर दिया कि संगठन ने किसानों के जहन में तस्वीर साफ कर दी है।


पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना को लेकर जिस तरह से बीजेपी माहौल बनाने में जुटी है इस सवाल पर बोले कि एक जनता एकजुट है और दिलों में जहर नहीं घुलने दिया जाएगा। वोट चाहें किसी को दो लेकिन नफरत की राजनीति अब नहीं चलेगी। उन्होंने तीन कृषि कानूनों के सवाल पर कहा कि अगर भविष्य में फिर ऐसा कोई कानून या यही कानून किसी दूसरे रूप में लाकर किसानों पर थोपे गए तो आंदोलन फिर खड़ा होगा। वह बोले कि यह तो सिर्फ 13 महीने की ट्रेनिंग थी। कार्यकर्ता हर परिस्थिति से निपटने को तैयार हैं।