नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की आपसी जुबानी जंग तेज होते जा रही है। प्रत्याशियों का एलान होते ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। राजनीतिक उठापठक के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। बरेली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डोर टू डोर कैंपेन किया। इस दौरान उन्होंने राज्य की योगी और केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं और कामों के बारे में लोगों को बताया। राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने वोटर्स के नाम चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल सत्ता में बैठे लोगों की दुर्भावनाओं और कुशासन के कारण जनविरोधी रहे हैं। सत्ताधीशों ने सामाजिक द्वेष, जातिगत और धार्मिक उन्माद फैलाकर जनता को बांटने का काम किया है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं। बघेल ने आगरा कैंट के कांग्रेस प्रत्याशी सिंकदर वाल्मीकि के लिए डोर टू डोर कैंपेन किया। उन्होंने कहा कि यहां की जनता बदलाव चाहती है। सांसद आजम खान के बेटे और समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी अब्दुल्ला आजम खान का एक वीडियो सामने आ रहा है। इसमें वह भाजपा पर निशाना लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

अब्दुल्ला बोल रहे, ‘आपके पास (भाजपा) पुलिस है, सरकारी अफसर हैं। मैं अकेला हूं। मेरे साथ तो कोई नहीं है। यहां तक की मैं मेरे साथ घूम रहे पुलिसकर्मियों पर भी विश्वास नहीं करता। वो भी मुझे मार सकते हैं। वो मेरी सुरक्षा के लिए नहीं लगे हैं, बल्कि मेरी जानकारी लेने के लिए हैं।’ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने ट्विट कर सहारनपुर में मारे गए पत्रकार की मौत का कनेक्शन समाजवादी पार्टी से होने की बात कही। केशव ने कहा, ‘अखिलेश यादव जी सहारनपुर के पत्रकार सुधीर सैनी जिनकी हत्या सपा के गुंडों- फरमान, मन्नाम और जहांगीर ने की है। हत्यारों को लेकर चुप्पी क्यों साध रखी है। अभी तो पहले चरण का मतदान भी नहीं हुआ। आपके गुंडों ने ट्रेलर दिखाना शुरू कर दिया। भाजपा सुधीर सैनी के परिवार के साथ है।’

चुनाव आते ही प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में सियासी फतवे जारी करने का सिलसिला शुरू हो जाता है। कभी इसका जोर-शोर से प्रचार किया जाता है, तो कभी खामोशी के साथ उस पर अमल की बात होती है। हालांकि, ज्यादातर इदारों और मसलकों से जुड़े मुफ्ती और मौलवी वोट की अपील के लिए फतवे जारी करने को जायज नहीं मानते। उनका कहना है कि फतवे की परिभाषा है-कुरान और हदीस की व्याख्या। ऐसे में सियासी मामलों पर यह कैसे लागू हो सकती है। वे यह भी कहते हैं कि चुनावी अपील जारी करने वाले धर्मगुरु अवाम में अपनी बात का प्रभाव कम कर लेते हैं।

केशव प्रसाद मौर्य ने ट्विट कर सरकार की उपलब्धि गिनाई और पहले की सरकारों पर हमला किया। उन्होंने लिखा, ‘जो कोई सोच न पाया, भाजपा ने वो करके दिखाया। प्रदेश में प्रदूषण एवं बीमारियों से बचाव और पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया हर्बल मार्ग का निर्माण। मंडलों में एक-एक मार्ग का चयन कर एक ओर ग्रीन पट्टी बनाकर किया गया हर्बल पौधारोपण।’