नई दिल्‍ली: हिंदू धर्म में कई महत्‍वपूर्ण व्रत-त्‍योहार, तिथियां बताए गए हैं. इन खास मौकों को लेकर कुछ जरूरी नियम भी बताए हैं. हिंदू कैलेंडर के माघ महीने की बात करें तो इस महीने का सबसे बड़ा पर्व है मौनी अमावस्‍या. इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करना चाहिए. दान करना चाहिए और सबसे अहम बात की इस दिन मौन व्रत रखना चाहिए. इस दिन मौन व्रत रखने के कारण ही इसे मौनी अमावस्‍या कहते हैं. चूंकि इस बार मौनी अमावस्‍या कल यानी कि 31 जनवरी 2022, सोमवार को पड़ रही है. इसलिए इसका महत्‍व और भी ज्‍यादा बढ़ गया है.

क्‍यों अहम है मौन रहना?
माघी या मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने का सबसे ज्यादा महत्व है. यदि ऐसा संभव न हो तो तो भी जितना हो चुप रहें. मान्यता है कि इस दिन मौन रहकर व्रत और पूजा-अर्चना करने वालों को मुनि पद मिलता है. उनके पाप नष्‍ट होते हैं. मुनि शब्‍द और मौन रहने के कारण ही इसे मौनी अमावस्‍या कहा गया.

मौनी अमावस्या पर क्या करें
– पवित्र नदियों के जल मिले पानी से स्‍नान करें. इससे नदियों में स्‍नान करने का पुण्‍य मिलता है.
– मौनी अमावस्या के दिन सुबह जल्‍दी स्‍नान करें और मौन रहने का संकल्‍प लें.
– इस दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कपड़े आदि का दान करें.
– साधु, महात्माओं और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं.
– पितृ श्राद्ध या तर्पण करें.
– महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे भगवान विष्‍णु की आराधना करें. इससे सौभाग्‍य बढ़ेगा.

मौनी अमावस्‍या के दिन क्‍या न करें
– नहाते समय न बोलें. हो सके तो पूरे दिन ज्‍यादा से ज्‍यादा चुप रहने की कोशिश करें.
– गलती से भी घर में कलह न करें. ना ही किसी से झगड़ा या विवाद करें.
– शरीर पर तेल नहीं लगाएं.
– व्रती किसी तरह का श्रृंगार न करें. एकदम सादगी से रहें.
– ब्रम्‍हचर्य का पालन करें.
– देर तक न सोएं.
– नॉनवेज, शराब से दूर रहें.
– सुनसान जगहों पर न जाएं. खासतौर पर श्मशान या कब्रिस्तान के आस-पास न जाएं.