नई दिल्ली. इंटरनेट यूजर्स के ऊपर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यूजर्स की टेंशन को बढ़ाने वाले इस खतरे का कनेक्शन गूगल क्रोम से है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी की इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम ने सभी गूगल क्रोम यूजर्स के लिए वॉर्निंग जारी करते हुए इस खतरे की गंभीरता को हाई रेटिंग दी है। CERT-In के अनुसार गूगल क्रोम में चिंता बढ़ाने वाले खतरों की पहचान की गई है, जिनकी मदद से हैकर बड़ी आसानी से टारगेट किए गए सिस्टम में अपनी मर्जी से छेड़छाड़ कर सकते हैं।

गूगल क्रोम में मिली इन गड़बड़ियों के इस्तेमाल से हैकर किसी भी यूजर को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। CERT-In ने बताया कि गूगल क्रोम में इन खतरों की एंट्री सेफ ब्राउजिंग, स्क्रीन कैप्चर, थंबनेल टैब स्ट्रिप, वेब सर्च, रीडर मोड, विंडो डायलॉग, पेमेंट्स, एक्सटेंशन्स के अलावा ऐंगल में हीप बफर ओवरफ्लो और गलत तरीके से फुल स्क्रीन मोड को ऑन करने से होती है।

गूगल क्रोम के वर्जन 98.0.4758.80 से पहले वाले वर्जन्स में यह खतरा मौजूद है। राहत की बात यह है कि गूगल ने इस खतरे को दूर करने के लिए अपडेट रोलआउट कर दिया है। गूगल ने कहा कि यह अपडेट क्रोम में सिक्योरिटी से जुड़ी 27 प्रॉब्लम्स को दूर करता है। गूगल ने यूजर्स को सलाह दी है कि वे गूगल क्रोम के लेटेस्ट वर्जन को यूज करना शुरू कर दें।

विंडोज के लिए कंपनी ने जो लेटेस्ट वर्जन रोलआउट किया है उसका नंबर 98.0.4758.80/81/82 है। वहीं, मैक और Linux के लिए जो अपडेट वर्जन रोलआउट हुआ है उसका नंबर 98.0.4758.80 है। कंपनी इस अपडेट को बैचेज में रिलीज कर रही है और आने वाले दिनों में यह सभी यूजर्स तक पहुंच जाएगा।