वॉशिंगटन: कर्नाटक हिजाब विवाद में पाकिस्तान के बाद अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामले के राजदूत राशद हुसैन ने कहा है कि कर्नाटक सरकार को इस पर फैसला नहीं करना चाहिए कि कोई मजहबी पोशाक पहने या नहीं. भारतीय मूल के हुसैन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि किसी व्यक्ति की मजहबी आजादी सुनिश्चित करने के लिए उसे उसके मजहब की पोशाक पहनने की आजादी दी जानी चाहिए.
ट्वीट कर कही ये बात
अमेरिका की जो बाइडेन सरकार के इस अधिकारी ने ट्वीट में लिखा, ‘अपनी मजहबी पोशाक पहनना भी धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा है. भारतीय प्रदेश कर्नाटक को मजहबी पहनावे की अनुमति निर्धारित नहीं करनी चाहिए. स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी मजहबी आजादी का हनन है और महिलाओं एवं लड़कियों के लिए खास धारणा बनाती है और उन्हें हाशिये पर धकेलती है’.
PAK ने भेजा था समन
इससे पहले, पाकिस्तान ने कर्नाटक मुद्दे पर भारतीय राजनयिक को समन भेजा था. पाक ने भारत के राजनयिक से अपील की है कि वे भारत सरकार को हिजाब विरोधी कैंपेन के प्रति पाकिस्तान की गंभीरता से अवगत कराएं. पाकिस्तान के मंत्री शाह महमूद कुरैशी और चौधरी फवाद हुसैन भी हिजाब विवाद पर भारत की आलोचना कर चुके हैं.
क्या है एंबेसडर-एट-लार्ज?
एंबेसडर-एट-लार्ज ऐसा राजदूत होता है, जिसे विशेष जिम्मेदारियां दी जाती हैं लेकिन वह किसी खास देश के लिए नियुक्त नहीं होता. राशद हुसैन बिहार से ताल्लुख रखते हैं. 41 वर्षीय हुसैन को 500 प्रभावशाली मुस्लिम लोगों में शामिल किया गया था. उन्हें पिछले वर्ष जुलाई महीने में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता विभाग का एंबेसडर-एट-लार्ज नियुक्त करने की घोषणा की गई थी.
क्या है पूरा विवाद?
पिछले महीने उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में कॉलेज प्रशासन के नियम के खिलाफ जाकर 6 छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज आईं थीं. इसके बाद कर्नाटक के दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब पहनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. हिजाब के विरोध में कुछ छात्र-छात्राएं भगवा शॉल लेकर स्कूल- कॉलेज आने लगे, जिसके कारण मामले ने तूल पकड़ लिया. कर्नाटक के शिवमोगा और बागलकोट जिलों में हिजाब विवाद को लेकर पथराव की खबरें भी सामने आई थीं.