लंदन. ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है कि फिर से एक और नया वेरिएंट डेल्टाक्रॉन सामने आया है. यह डेल्टा और ओमिक्रॉन का हाइब्रिड वेरिएंट बताया जा रहा है. वास्तव में असली हो सकता है. दरअसल शुरुआत में इसे लैबोरेटरी की गलती बताया गया था.

डेल्टाक्रॉन का मामला तब सामने आया जब ब्रिटेन में एक मरीज का इलाज किया गया जो कि कोविड-19 के डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों वेरिएंट से संक्रमित हुआ था. हालांकि यह अब स्पष्ट नहीं है कि इस हाइब्रिड वेरिएंट की उत्पत्ति ब्रिटेन में हुई है या फिर बाहर से आया है.

कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट से जुड़ी रोगों की गंभीरता और इस पर वैक्सीन का प्रभाव फिलहाल अभी अज्ञात नहीं है. अधिकारियों ने इसे कम गंभीर श्रेणी वाला वेरिएंट बताया है क्योंकि इससे जुड़े मामले बेहद कम है.

ईस्ट एंग्लिया यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोग के विशेषज्ञ प्रोफेसर पॉल हंटर ने कहा कि, इस वेरिएंट को लेकर बहुत अधिक खतरा पैदा नहीं करना चाहिए. क्योंकि यूके में ओरिजिनल डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ इम्युनिटी का लेवल बहुत मजबूत व बेहतर है. इसलिए, मैं इस समय बहुत ज्यादा चिंतित नहीं हूं.

उन्होंने कहा कि अगर डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों के मामले कम हो रहे हैं, तो सैद्धांतिक रूप से इस वेरिएंट के संक्रमण का ट्रांसमिशन इतना आसान नहीं होगा.

बता दें कि करीब एक महीने पहले साइप्रस के एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने कहा था कि उन्होंने डेल्टाक्रॉन वेरिएंट की पहचान की है. लेकिन उनके इस दावे को तमाम हेल्थ एक्सपर्ट ने खारिज कर दिया था. इन लोगों का मानना था कि यह लैब में हुई गलती हो सकती है.