नई दिल्ली. मोटापा आज दुनिया भर की बड़ी परेशानियों में एक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक दुनिया भर में 1.9 अरब लोग मोटापे के शिकार हैं. इनमें से 65 करोड़ लोग मोटापे की बीमारी से पीड़ित हैं. 2017 के आंकड़ों के मुताबिक हर साल 40 लाख लोग सामान्य से ज्यादा मोटे हो रहे हैं. मोटापे में सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब पेट के उपर चर्बी जमा हो जाए. मोटापे को कम करने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते. जिम में पसीना बहाने से लेकर भूखे रहने तक के टोटके अपनाते हैं लेकिन मोटापा नहीं जाता है. लेकिन क्या पानी पुड़ी मोटापा पर लगाम लगाने में रामवाण साबित हो सकता है. विशेषज्ञ की मानें तो ऐसा हो सकता है.
भारत में गोलगप्पा को कई नामों से जाना जाता है. इसे पुचका, पानी पुड़ी, पानी बताशे, गोल गप्पा आदि नाम से पुकारा जाता है. टाइम्स नाउ की खबर में अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल की सीनियर क्लिनिकल डाइटीशियन डॉ नेहा भाटिया ने बताया कि गोल गप्पा कई तरह के भारतीय मसालों से भरा होता है. एसिडिटी सिचुएशन में यह फायदेमंद होता है. जलजीरा में मौजूद ऐसे कई तत्व होते हैं जो एसिडिटी से छुटकारा दिलाते हैं.
एंटीऑक्सीडेंट्स और कैंसररोधी गुण
दरअसल, गोल गप्पा के पानी में पुदीना, कच्चा आम, काला नमक, काली मिर्च, पिसा हुआ जीरा और नमक के अलावा सेंधा नमक, काला नमक, अदरक और इमली का पाउडर इस्तेमाल किया जाता है. जीरे में एंटीऑक्सीडेंट और कैंसर रोधी गुण होते हैं. यह इम्युन सिस्टम पर हमला करने की कोशिश में लगे हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है. यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है. वहीं काला नमक मिनरल्स से भरपूर होता है और इसमें टेबल सॉल्ट की तुलना में सोडियम की मात्रा कम होती है. यह डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करता है. इसके अलावा स्किन और बालों की गुणवत्ता को भी सही करता है. सेंधा नमक मांसपेशियों में ऐंठन और गले में खराश से छुटकारा दिलाने में मदद करता है.
इम्युनिटी और पाचन भी सही करता
डॉ भाटिया ने बताया कि पानी पुड़ी में जो पानी इस्तेमाल किया जाता है कि उसमें जीरा, पुदीना और इमली मिलाया जाता है. पुदीना पानी और जीरा अपने आप में वजन कम करने के लिए जाना जाता है. पुदीना पानी हेल्दी लाइफ में बहुत मदद करता है. यह पाचन शक्ति को मजबूत करता है और इम्युनिटी को भी बढ़ाता है. मिंट में फाइबर, विटामिन ए, आइरन, मैंगनीज और फॉलेट भी पाया जाता है. गोलगप्पा से मुंह में छाले और एसिडिटी को भी रोका जा सकता है. साथ ही डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह फायदेमंद साबित हो सकता है.
सतर्कता भी जरूरी
गोल गप्पा को लेकर कुछ सतर्कता भी जरूरी है. आमतौर पर गोलगप्पा की पुरियां ट्रांस फैट में बनाए जाते हैं, इसलिए यह हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके अलावा इसमें बैक्टीरिया होने से डायरिया की समस्या हो सकती है. अगर जीरा पाउडर का ज्यादा इस्तेमाल हो तो इससे मैन्सुट्रुअल क्रैप हो सकता है. तो क्या गोलगप्पा अनहेल्दी है. डॉ नेहा भाटिया बताती हैं कि इसके बनाने को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि इसे बनाने में हाइजीन का ख्याल नहीं रखा जाता है. अगर हाइजीन को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया जाए तो यह पोषक तत्वों से भरपूर हो सकता है.