नई दिल्ली. आप सभी वाशरूम जाते होंगे. घरों से लेकर बड़े-बड़े मॉल के वाशरूम में नए अंदाज के मॉर्डन फिटिंग्स की एंट्री हो चुकी है. ऐसे में आपने भी वहां लगे कई तरह के फ्लश देखे और इस्तेमाल किए होंगे. अक्सर फ्लश में एक बड़ा और एक छोटा बटन होता है लेकिन आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? आज हम आपको बताएंगे कि ऐसा क्यों होता है?
पानी बचाने का कॉन्सेप्ट
दरअसल मॉर्डन टॉयलेट्स में दो तरह के लीवर्स या बटन होते हैं और दोनों बटन, एक एक्जिट वॉल्व से जुड़ा होता है. बड़े बटन को प्रेस करने से करीब 6 लीटर पानी निकलता है वहीं छोटे बटन को दबाने से 3 से 4.5 लीटर पानी निकलता है. अब आइए जानते हैं कितने पानी की बचत इस तरह से हो जाती है?
एक साल में इतनी बचत
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर एक घर पर Single Flush के बजाए Dual Flushing अपनाया जाये तो पूरे साल में करीब 20 हजार लीटर पानी की बचत हो सकती है. भले ही इसका इंस्टॉलेशन नॉर्मल फ्लश से कुछ महंगा हो लेकिन इसकी वजह से आपके पानी के बिल में कटौती की पूरी गारंटी दी जा सकती है.
कैसे काम करता है सिस्टम?
Dual Flush कॉन्सेप्ट के बारे में बात करें तो यह अमेरिकी इंडस्ट्रीयल डिजाइनर Victor Papanek के दिमाग से आया है. आपको बता दें कि साल 1976 में Victor ने अपनी किताब ‘Design For The Real World’ में इसका जिक्र किया था.