नई दिल्ली: दिल्ली के विनोदपुरी की जिस गली में तीनों भाई-बहनों ने बचपन में खेला, वहीं से सोमवार को उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। तीनों भाई-बहन का शव देखकर आसपास के रहने वाले लोगों की आंखें नम हो गईं। घटना की जानकारी मिलने के बाद सुबह से ही उनके रिश्तेदारों का घर आने का सिलसिला शुरू हो गया। मोहल्ले में रहने वालों ने बताया कि तीनों ने इसी गली में अपनी जीवन की शुरुआत की थी। इस पूरी घटना में उस मां की कहानी बेहद दर्दनाक है जिसने 25 साल पहले अपने पति को खो दिया था और अब उसके तीनों बच्चों की मौत ने उसकी गोद भी सूनी कर दी है।

बच्चों की मौत की खबर देने में डर रहे थे परिजन
गली के लोगों ने बताया कि सोमवार सुबह चंद्रकला जब शकूरपुर से घर पहुंची तो उसको पता नहीं था कि उनके तीनों बच्चों की मौत हो गई है। उनके रिश्तेदार भी उन्हें बता रहे थे कि उनका ऑपरेशन चल रहा है। कोई भी रिश्तेदार चंद्रकला को यह बताने में डर रहे थे कि उनके तीनों बच्चों की मौत हो चुकी है। साथ ही उन्हें डर था कि तीनों का शव देखने के बाद चंद्रकला इस सदमे को झेल पाएगी या नहीं।

25 साल पहले हो गई थी चंद्रकला के पति की मौत
काफी सोच विचार के बाद रिश्तेदारों ने उसे तीनों बच्चों की मौत के बारे में बताया। यह सुनते ही चंद्रकला के मुंह से चीख निकली और वह बेसुध हो गई। लोगों ने बताया कि चंद्रकला के पति धर्मपाल की मौत 25 साल पहले हो गई थी। वह कपड़ों का कारोबार करते थे।

पति की मौत के बाद चंद्रकला ने ही संभाला था कारोबार, बच्चे बड़े हुए तो घर में रहने लगी
पति की मौत के बाद चंद्रकला ने खुद कारोबार को संभाला। उसने अपने बच्चों को इस काबिल बनाया। जब वह कारोबार संभालने लगे तब वह घर में रहने लगी। लोगों ने बताया कि सीमा की शादी के बाद से ही उसका पति उससे झगड़ा करने लगा। उसका पति सीमा के दो भाइयों की शादी में भी ससुराल नहीं आया था।

इमारत में रहने वालों ने गोलियां चलते ही खुद को किया कमरे में कैद
अपनी पत्नी और सालों की हत्या करने वाले आरोपी हितेंद्र के मकान में रहने वाली किराएदार पायल ने बताया कि घटना के समय वह अपने भाइयों के लिए खाना बना रही थी। गोलियों की आवाज सुनकर वह चौंक गई। उसका भाई यह देखने के लिए दौड़ा, लेकिन खून देखते ही वह वापस कमरे में आ गया। दोनों ने डर की वजह से खुद को कमरे में बंद कर लिया। उन्हें लगा कि आरोपी उसे भी गोली मार देगा। बाद में पता चला कि मकान मालिक ने अपनी पत्नी और अन्य लोगों की हत्या कर दी है।

इमारत के भूतल पर होटल में काम करने वाले कर्मचारी अहमद ने बताया कि काफी रात हो चुकी थी। वह खाना बनाने में व्यस्त था। इसी दौरान अचानक गोलियां चलने की आवाज सुनकर बाहर की ओर भागा। इमारत के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। वह काफी डर गया था। वह तुरंत दुकान बंद कर वहां भाग गया। पड़ोसी राजा ने बताया कि गोली चलते ही उसने घर के दरवाजे को बंद कर लिया। खिड़की से बाहर झांककर देखते रहे। स्थिति सामान्य होने पर बाहर निकले।