नई दिल्ली: बढ़ती महंगाई आम लोगों के लिए चिंता का विषय है. इंटरनेशनल मार्केट में भी रुपये के मुकाबले डॉलर का बोलबाला ज्यादा है. भारत में सबसे बड़ी करेंसी 2000 रुपये की है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस देश की करेंसी की वैल्यू मजबूत है.

कुवैत की करेंसी सबसे स्ट्रॉन्ग
कुवैत की करेंसी को वैल्यू के हिसाब से सबसे ज्यादा मजबूत माना जाता है. कुवैत में दीनार चलन में है. अगर भारत की करेंसी से इसकी तुलना की जाए तो एक कुवैती दीनार की वैल्यू भारत के 253 रुपये के बराबर की है. वहीं, डॉलर से तुलना की जाए तो एक कुवैती दीनार 3.29 के बराबर है. यानी यह अमेरिकी डॉलर की वैल्यू से 3 गुना ज्यादा है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह दीनार कितना महंगा है.

क्यों इतनी महंगी है कुवैत करेंसी?
कुवैत वैसे एक छोटा सा देश है, जो भौगोलिक रूप से इराक और सऊदी अरब के बीच स्थित है. कुवैत की करेंसी के ज्यादा पॉवरफुल और ज्यादा वैल्यू होने के पीछे कई कारण होते हैं. दरअसल, दुनिया में कुवैत में काफी बड़ा ऑयल रिजर्व है और माना जाता है कि यहां 9 फीसदी ऑयल रिजर्व है. कुवैती दीनार को पहली बार साल 1960 में लॉन्च किया गया था, जब इसे ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता मिली थी और यह उस समय यह एक पाउंड के बराबर था.

कुवैत की इकोनोमी की मजबूती का कारण
कुवैत तेल निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है जो देश के राजस्व का लगभग 95% योगदान देता है. कुवैत की स्थिर अर्थव्यवस्था भी मुद्रा का मूल्य अधिक होने की एक वजह है. साथ ही यह एक तेल-समृद्ध देश है, जिसके पास अपने क्षेत्र में स्थित 9% वैश्विक तेल भंडार है. कुवैत प्रति व्यक्ति उच्च GDP (High GDP Nations) वाले देशों की सूची में आठवें स्थान पर है. पर्याप्त तेल उत्पादन ने कुवैत के धन को बढ़ाने और कुवैती दीनार के मूल्य का समर्थन करने में मदद की है, ये ही अहम वजह है कि यहां की करेंसी की वैल्यू ज्यादा है.