मेरठ। उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतगणना जारी है। वर्ष 2017 में प्रचंड लहर में जहां मेरठ जिले की सात सीटें जहां भाजपा की झोली में जा गिरी थीं, वहीं इस बार पार्टी कांटे के मुकाबले में फंसी है। कैंट सीट पर सबकी निगाहें हार-जीत के अंतर पर लगी हैं। सरधना में संगीत सोम की हैट्रिक कड़े मुकाबले में फंसी है, तो हस्तिनापुर में प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश खटीक की साख दांव पर है। किठौर में पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर कड़े मुकाबले में फंसे हैं। किसान आंदोलन के सबसे ज्यादा असर वाली सिवालखास सीट को भाजपा इस बार बचा पाती है या नहीं यह भी बेहद दिलचस्प होगा। कैंट को छोड़ जिले की बाकी छह सीटों पर हार-जीत का अंतर बेहद करीबी होने के आसार हैं। ऐसे में काउंटिंग के अंतिम राउंड तक बाजी पलट सकती है। हालांकि आज शाम तक नतीजे सबके सामने होंगे।
सरधना विधानसभा सीट
सरधना में बड़ा सवाल यह है कि भाजपा और विधायक संगीत सोम हैट्रिक लगाएंगे या फिर सपा के अतुल प्रधान बाजी मारेंगे। लगातार दो बार से संगीत सोम जीत रहे हैं। सरधना विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाता सबसे ज्यादा हैं। साथ ही ठाकुर चौबीसी का भी बड़ा प्रभाव है। इसके अलावा जाटव, गुर्जर, सैनी और जाट मतदाता भी हराने और जिताने का दम रखते हैं। साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद सरधना काफी सुर्खियों में रहा था।
सरधना सीट पर गिनती पर ही चल रहे दोनों प्रत्याशियों में सरधना की हॉट सीट पर गठबंधन और भाजपा प्रत्याशी में कांटे की टक्कर चल रही है सरधना सीट पर शुरुआती रुझानों में भाजपा विधायक संगीत सोम 12000 से आगे तक पहुंच गए थे लेकिन अब आठवें राउंड की मतगणना तक अतुल प्रधान 1489 वोटों से आगे हो गया है। यहां पर लगातार गिनती के साथ प्रत्याशियों और समर्थकों की भी पहचानें बढ़ती जा रही है। काउंटिंग के दौरान खास बात यह है कि संगीत सोम और अतुल प्रधान में मतगणना स्थल पर ही शब्द बाण चल रहे हैं। जहां संगीत सोम कह रहे हैं कि 15000 से जीत मेरी होगी वहीं अतुल प्रधान का कहना है कि उन्हें जहां से उम्मीद नहीं थी वहां भी वोट मिल रही है और जीत उनकी ही होगी गठबंधन तेजी से दौड़ रहा है। सपा प्रत्याशी अतुल प्रधान और भाजपा प्रत्याशी संगीत सोम लगातार अपने एजेंट से उपडेट ले रहे हैं। 9 राउंड पूरे होने पर फिर से थोड़ा बदलाव हुआ तो संगीत सोम 580 वोटों से आगे पहुंच गए हैं। इस सीट पर सबसे कांटे की टक्कर के बीच गठबंधन और भाजपा में दिलचस्प मुकाबला चल रहा है।
मेरठ की हॉट सीट सरधना विधानसभा सीट पर 13वें राउंड तक भाजपा आगे चल रही थी, वहीं 13 वें राउंड के बाद से गठबंधन के अतुल प्रधान ने बढ़त बनानी शुरू की और 19वें राउंड में वह 1871 वोटों से आगे निकल गए।
सरधना विधानसभा सीट
संगीत सोम 70384
अतुल प्रधान 72255
लीड अतुल 1871
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किठौर में सपा के कद्दावर नेता शाहिद मंजूर और भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा विधायक सत्यवीर त्यागी का कड़ा मुकाबला है। बसपा से केपी मावी और कांग्रेस से बबीता गुर्जर ने भी चुनाव लड़ा है। शाहिद मंजूर किठौर से लगातार तीन बार विधायक रहे हैं। 2017 में शाहिद को भाजपा के सत्यवीर त्यागी ने 20822 मतों से हराकर विधानसभा में दस्तक दी थी। सवाल यह है कि, सत्यवीर दोबारा जीतेंगे या शाहिद बाजी मार लेंगे। किठौर विधानसभा सीट पर 10 में राउंड तक सपा के शाहिद मंजूर को 43337 मत और भाजपा के सत्यवीर त्यागी को 28342 मत मिले हैं। उधर बसपा के कुशल पाल मा वि को 6982 मत और कांग्रेस की बबीता गुर्जर को 451 मत प्राप्त हुए हैं।
सिवालखास सीट पर सबकी नजर लगी है। एक समय रालोद का गढ़ रही यह सीट 2017 में भाजपा के खाते में गई थी। इस बार यहां से भाजपा ने जिला सहकारी बैंक चेयरमैन मनिंदरपाल सिंह को प्रत्याशी बनाया था। रालोद ने यहां 2012 में सपा के टिकट पर विधायक रहे हाजी गुलाम मोहम्मद को उतारा। गुलाम मोहम्मद 2017 में वे भाजपा के जितेंद्र सतवाई से 11,421 वोटों से हारकर दूसरे नंबर पर रहे थे। सिवालखास, 8वें राउंड में भाजपा 1168 वोट से आगे चल रही थी। गुलाम मोहम्मद को 27577 और मनिंदर पाल को 28745 वोट मिले। 11वे राउंड में रालोद ने बढ़त ले ली, भाजपा से 7868 वोट की बढ़त बनी थी। सिवालखास में 18वे राउंड तक रालोद को 61469, भाजपा को 61024 वोट मिले।
मेरठ शहर सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रफीक अंसारी लगातार दूसरी बार जीतेंगे या फिर भाजपा के कमल दत्त शर्मा, इस पर सबकी निगाह है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मीकांत वाजपेयी को रफीक अंसारी ने 28 हजार 769 वोटों से हराया था। इस बार कांग्रेस से रंजन शर्मा ने भी अच्छा चुनाव लड़ा है। मुस्लिम मतों का बंटवारा कम होने से रफीक अंसारी जीते के प्रति आश्वस्त हैं, वहीं कमलदत्त सर्वसमाज के वोट मिलने से अपनी जीत को पक्की मानकर चल रहे हैं।
शहर विधानसभा पर मतों की गिनती के 16 राउंड पूरे हो चुके हैं।
शहर विधानसभा-
कमलदत्त- 50019
रफीक- 73649
हस्तिनापुर विधानसभा सीट को लेकर मिथक है कि यहां जो पार्टी जीतती है लखनऊ में सरकार उसी की बनती है। ऐसे में देखना है कि आज मतगणना के बाद ये मिथक टूटता है या फिर बरकरार रहता है। भाजपा के प्रत्याशी दिनेश खटीक और गठबंधन प्रत्याशी योगेश वर्मा के बीच सीधी टक्कर है। ऐसे में देखना है कि दिनेश खटीक दोबारा विधायक बनकर इतिहास बनाएंगे या फिर योगेश वर्मा चुनाव जीतकर प्रदेश में गठबंधन सरकार की राह आसान करेंगे। हस्तिनापुर में एक इतिहास ये भी है कि सन 1977 के बाद से लगातार कोई विधायक यहां दोबारा चुनाव नहीं जीत पाया है। वर्ष 2017 में दिनेश खटीक ने योगेश वर्मा को 36062 वोटों से शिकस्त दी थी। हॉट सीट हस्तिनापुर पर 8वें राउंड तक भाजपा प्रत्याशी दिनेश खटीक बढ़त बनाए हुए हैं।
भाजपा प्रत्याशी दिनेश खटीक – 50576
गठबंधन प्रत्याशी योगेश वर्मा – 38668
दिनेश खटीक 11908 वोट से आगे बने हुए हैं।