नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आने के बाद पूरी तरह से साफ हो गया है कि सीएम योगी लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने जा रहे हैं। भले ही बीजेपी ने राज्य में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है लेकिन समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर मिलने के बाद उसके कई बड़े मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। जिसमें सबसे बड़ा नाम उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का है। जिनको पल्लवी पटेल ने हराया है।

पल्लवी पटेल राज्य में बीजेपी की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी अपना दल की मुखिया अनुप्रिया पटेल की छोटी बहन है। पल्लवी पटेल अपना दल (कमेरावादी) की उपाध्यक्ष हैं और कौशांबी उनका ससुराल है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजनीति में दो अपना दल है। एक केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) जो बीजेपी के साथ चुनावी मैदान में थी और दूसरी उनकी मां कृष्णा पटेल की अगुवाई वाली अपना दल (कमेरावादी), जो समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी। पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। अनुप्रिया पटेल ने तो इस सीट पर आकर अपनी बहन पल्लवी के खिलाफ भी प्रचार किया था।

समाजवादी पार्टी उम्मीदवार पल्लवी पटेल को 1 लाख 6 हजार 278 वोट जबकि जबकि केशव प्रसाद मौर्य 98 हजार 941 वोट मिला। इस तरह पल्लवी पटेल ने केशव प्रसाद मौर्य को 7337 वोटों के अंतर से चुनाव हरा दिया।

कौशांबी की सिराथू सीट 2012 के चुनाव से पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। यहां 1993 से 2007 तक बहुजन समाजवादी पार्टी ने लगातार चार बार जीत दर्ज की थी। 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट सामान्य वर्ग की हो गई। केशव प्रसाद मौर्य ने ही सबसे पहली बार 2012 के चुनावों में कमल खिलाया था। इससे पहले यहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला था।