सामान्यतौर पर लंबी रनिंग या कुछ किलोमीटर के वॉक के बाद सांस फूलने लगती है। ऐसी गतिविधियों के दौरान रक्तचाप बढ़ जाने के कारण सांस की ऐसी समस्याएं होना सामान्य माना जाता है, पर क्या थोड़ी देर चलने या सीढ़ियों से चढ़ने-उतरने के दौरान भी आपको ऐसी दिक्कतें होने लगती हैं? अगर हां, तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है, यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। सामान्यतौर पर सांस फूलने को हृदय या फेफड़ों की बीमारी से जोड़कर देखना शुरू कर दिया जाता है, पर जरूरी नहीं है कि बस इन्हीं दो अंगों में दिक्कत के कारण सांस फूल सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक हृदय की बीमारियों या अस्थमा जैसी सांस की समस्याओं के कारण लोगों को अक्सर सांस फूलने की समस्या बनी रह सकती है। पर हर बार सांस फूलने के पीछे यही दो कारण हों ऐसा जरूरी नहीं है। सांस की तकलीफ कई कारणों से हो सकती है। ऐसे में इसके पीछे के सही कारण का आकलन करने और समय पर उसका इलाज किया जाना आवश्यक होता है। आइए आगे की स्लाइडों में इसी बारे में विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।
क्यों होती है सांस फूलने की समस्या?
शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण सांस फूलने की समस्या हो सकती है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से व्यक्ति तेजी से सांस लेने की कोशिश करता है। सांस की इस तकलीफ को मेडिकल की भाषा में डिस्पेनिया कहा जाता है। इस समस्या के कई चिकित्सकीय और गैर-चिकित्सकीय कारण हो सकते हैं। एलर्जी, अस्थमा, हृदय रोग,मोटापा, टीबी जैसी समस्याओं से ग्रसित लोगों को सांस फूलने की समस्या अधिक हो सकती है।
यह समस्याएं बन सकती हैं सांस फूलने का कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सांस फूलने की समस्या को हर बार फेफड़े और हृदय की दिक्कतों से जोड़कर देखना सही नहीं है। कई लोगों में किडनी और मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं के कारण भी सांस की दिक्कत हो सकती है। यही कारण है कि समय पर बीमारी के वास्तविक कारण का निदान किया जाना आवश्यक होता है। इसे अनदेखा करना या सिर्फ हृदय की समस्याओं का इलाज कराते रहना अन्य कई बड़ी बीमारियों को जन्म दे सकता है।
सांस फूलने के कारणों के बारे में जानना जरूरी
बातचीत में श्वसन रोगों के विशेषज्ञ डॉ अवनीश कुंदन बताते हैं, सांस लेने की समस्या यदि आपमें लंबे समय तक बनी रहती है तो इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। सांस की समस्याओं के वास्तविक कारणों को जानने के लिए पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) कराया जाता है, इसके आधार पर असल कारणों का पता लगाना आसान होता है।
हर बार डरने की जरूरत नहीं
डॉ अवनीश बताते हैं, ऐसा भी नहीं है कि सांस फूलने की हर समस्या गंभीर बीमारियों का ही संकेत हो। कई बार बहुत ज्यादा सोचने या तापमान में बदलाव के कारण भी ऐसी दिक्कतों का अनुभव हो सकता है। अगर स्थिति नॉन मेडिकल है तो कुछ सामान्य से उपायों के माध्यम से भी इसे ठीक किया जा सकता है। पर अगर आपको लगातार ऐसी दिक्कतें बनी रहती हैं तो आपको अलर्ट रहना चाहिए। विशेषकर यदि आपमें जेनेटिक हृदय रोगों की समस्या है तो लक्षणों को बिल्कुल भी अनदेखा न करें।