मुजफ्फरनगर में दुल्हन का ससुराल में सात फेरे लेने और ससुराल की दहलीज से विदा होने का अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल, यहां पंचायत के फरमान के बाद दूल्हा और दुल्हन ने सात फेरे लेने के बाद एक साथ गांव को हमेशा के लिए छोड़ दिया।

भोपा थानाक्षेत्र के एक ही गांव के प्रेमी युगल ने सात दिन बाद सात फेरे लेने के साथ ही गांव छोड़ कर, पंचायत में सुनाए गए फरमान का फर्ज निभाया हैं। लड़की पक्ष के लोगों की नाराजगी के चलते लड़के पक्ष के घर पर ही फेरे हुए।

लगभग 10 दिन पहले भोपा के रहने वाले एक ही बिरादरी के प्रेमी युगल थाने पहुंचा था, जहां उन्होंने एक साथ रहने की बात कहते हुए पुलिस से मदद की गुहार लगाई थी। इसी को लेकर लड़का-लड़की पक्ष वह अन्य लोग थाने पहुंचे, जहां उन्हें समझाने बुझाने का प्रयास किया गया लेकिन वे नहीं माने।

इसके बाद दोनों के परिजनों व लगभग एक दर्जन लोगों की एक पंचायत हुई थी जिसमें दोनों को एक साथ रहने की अनुमति तो दे दी थी लेकिन यह भी तय हुआ था कि वह शादी के बाद गांव में नहीं रहेंगे। लड़के पक्ष के परिजन दोनों के फेरे कराना चाहते थे, लेकिन लड़की पक्ष की नाराजगी के चलते उस समय वह कार्य नहीं हो सका। लड़के पक्ष के लोगों ने अपने ही घर पर पंडित को बुलाकर दोनों के फेरे कराए और इसके बाद वह पंचायत का फरमान मानते हुए घर से विदा हो गए।

युवक सचिन मूलरूप से गांव तिस्सा का रहने वाला है और पिछले दस साल से उसका परिवार भोपा में रह रहा था। सचिन व युवती रुमा अनुसूचित जाति और भोपा के ही एक मुहल्ले से हैं। शादी की लिखित सहमति पर लगभग एक दर्जन लोगों ने हस्ताक्षर किए। बताया गया कि युवक कोल्हू पर मजदूरी करता है।

एसओ पंकज राय ने बताया कि दोनों पक्ष फैसले और कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए सहमत है। पंचायत में शामिल लोगों का कहना है कि ये गांव में रहेंगे तो भविष्य में एक-दूसरे पक्ष पर छींटाकशी कर माहौल खराब कर सकते हैं, दोनों के भविष्य को लेकर फैसला किया गया है।