नई दिल्ली. अगर आपने अब तक आयकर रिटर्न (आईटीआर) नहीं भरा है तो वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर भरने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है। जुर्माने के साथ रिटर्न (बिलेटेड) भरने के लिए 31 मार्च, 2022 आखिरी मौका है। कोई भी व्यक्ति जो 60 साल से कम उम्र का है और जिसकी सालाना कमाई 2.5 लाख रुपये है, उसे आईटीआर से छूट मिलती है। कुल कमाई टैक्स छूट की सीमा से ज्यादा होने पर रिटर्न भरना पड़ता है। इसके अलावा, 60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट की सीमा तीन लाख रुपये है, जबकि 80 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीमा पांच लाख रुपये है। अगर आपका वेतन आयकर सीमा से कम है तो भी आपको आईटीआर जरूर भरना चाहिए। इसके कई फायदे हैं।
बढ़ जाती है कर्ज लेने की योग्यता
अगर आप कोई कर्ज लेने जा रहे हैं तो बैंक आपकी कमाई के अनुसार योग्यता की जांच करता है। बैंक कितना कर्ज देगा, यह निर्भर करता है कि आपकी कमाई कितनी है और आईटीआर में इसका जिक्र है। आईटीआर ऐसा दस्तावेज है, जिसका इस्तेमाल सभी बैंक कर्ज की आसान प्रोसेसिंग के लिए करते हैं। आमतौर पर बैंक कर्ज प्रोसेसिंग के दौरान अपने ग्राहकों से तीन साल तक के आईटीआर की मांग करते हैं। अगर कोई होम या कार लोन लेना चाहते हैं तो भी इसकी जरूरत पड़ती है।
टैक्स छूट का कर सकते हैं दावा
अगर आप आईटीआर दाखिल करेत हैं तो टर्म डिपॉजिट जैसी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स बचा सकते हैं। डिविडेंड आय पर भी टैक्स बचाया जा सकता है। आईटीआर रिफंड के जरिये आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। अगर कई स्रोतों से आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये से ज्यादा हो जाती है तो काटे गए टीडीएस पर दावा कर सकते हैं।
पता-कमाई के प्रमाण लिए वैध दस्तावेज
आयकर असेसमेंट ऑर्डर वैध एड्रेस प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल होता है। इसका इस्तेमाल आधार कार्ड बनवाने में भी कर सकते हैं। कंपनी की ओर से कर्मचारियों को फॉर्म-16 जारी किया जाता है, जो कमाई बताता है। स्वरोजगार करने या फ्रीलांस करने वालों के लिए आईटीआर फाइलिंग दस्तावेज कमाई का प्रमाण होता है।
घाटा होने पर कर सकते हैं क्लेम
करदाता को घाटे को क्लेम करने के लिए तय तारीख तक रिटर्न भरना जरूरी होता है। यह घाटा कैपिटल गेंस, बिजनेस या प्रोफेशन के रूप में हो सकता है। जो व्यक्ति संबंधित आकलन वर्ष में रिटर्न भरता है, आयकर कानून उन्हीं लोगों को कैपिटल गेंस के घाटे को कैरी फॉरवर्ड की इजाजत देता है।
वीजा प्रोसेसिंग में मददगार
आईटीआर का इस्तेमाल वीजा प्रोसेसिंग के लिए भी जरूरी दस्तावेज के रूप में कर सकते हैं। अगर विदेश जा रहे हैं तो ज्यादातर देश आईटीआर की मांग करते हैं। इससे पता चलता है कि व्यक्ति अपने देश में समय पर टैक्स का भुगतान करता है। इससे वीजा प्रोसेसिंग अधिकारियों को आपकी मौजूदा वित्तीय हालात और कमाई के बारे में जानकारी मिलती है। इससे वीजा मिलने में आसानी होती है।