नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं. ऐसी चर्चा है कि इस समारोह में कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हो सकती हैं. इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने सोनिया को आगाह किया है. अल्वी ने कहा है कि अगर सोनिया गांधी योगी के शपथ समारोह में जाती हैं तो इससे अल्पसंख्यकों में गलत मैसेज जाएगा.
403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में बीजेपी ने इस बार 255 सीटों पर जीत हासिल की है. योगी आदित्यनाथ प्रदेश के पिछले 37 साल के इतिहास में ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जो 5 साल का कार्यकाल पूरा करके फिर से सीएम बनने जा रहे हैं. इन दिनों नई सरकार के शपथ समारोह को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि योगी और उनकी टीम लखनऊ के इकाना स्टेडियम में संभवतः 25 मार्च को शपथ लेगी. हालांकि औपचारिक रूप से तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है.
इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत लगभग 200 वीवीआईपी के शामिल होने की संभावना है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शपथ समारोह के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेता मुलायम सिंह यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती को भी न्योता भेजा जाएगा.
सोनिया गांधी को योगी के शपथ समारोह के न्योते पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राशिद अल्वी ने कहा है कि पार्टी नेतृत्व को इस समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए. न सिर्फ सोनिया बल्कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी वहां नहीं जाना चाहिए. एएनआई से बातचीत में अल्वी ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि अगर कांग्रेस के आला नेता ऐसा करते हैं तो इससे अल्पसंख्यक समुदाय में अच्छा मैसेज नहीं जाएगा. अल्वी ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ ने अपने 5 साल के पिछले कार्यकाल में यूपी में सिर्फ नफरत को बढ़ावा दिया है. उन्होंने चुनाव को भी 80 बनाम 20 का मुद्दा बना दिया था. वह हमेशा बुलडोजर चलाने की बात करते रहे हैं. ऐसे में किसी भी ऐसे नेता को, जो भारत की परंपराओं, मूल्यों और संस्कृति में यकीन रखता हो, योगी आदित्यनाथ के शपथ समारोह में नहीं जाना चाहिए.
बता दें कि यूपी चुनावों में कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है. उसे महज 2 सीटों पर जीत नसीब हुई है. 2017 का चुनाव कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन करके लड़ा था. लेकिन तब भी उसके खाते में महज 7 सीटें ही आ पाई थीं. इस बार प्रियंका गांधी ने खुद यूपी के मैदान में उतरकर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहीं थीं.