मुरादाबाद। रेल प्रशासन को आइडिया दीजिए, जिससे लाभ कमाया जा सकता है। रेलवे उस आइडिया से होने वाली आय का दो फीसद लाभांश देगा। रेलवे ने इसके लिए अवांछित गैर किराया राजस्व प्रस्तावों संबंधी नीति लागू की है और सभी मंडल को आय अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। रेलवे ने इसके जरिए सौ करोड़ रुपये की आय अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

रेलवे ने पिछले कई वर्षो से ट्रेन का किराया नहींं बढ़ाया है। बिना यात्री किराया व माल ढुलाई किराया बढ़ाए ही आय अर्जित करने का प्रयास कर रहा है। जिसके तहत रेलवे की खाली जमीन पर वाणिज्य कार्य शुरू करना, रेलवे स्टेशन पर विज्ञापन प्रकाशित कराना, माल ढुलाई को बढ़ाना, प्लेटफार्म पर हेल्थ एटीएम मशीन लगाना आदि शामिल है। रेलवे को इसके लाइसेंस शुल्क व अन्य प्रकार से आय हो रही है। कोरोना में ट्रेनों के नहीं चलने से रेलवे को आर्थिक नुकसान हुुआ है। रेल प्रशासन ने आय अर्जित करने के लिए अब नई नीति बनाई है।

रेलवे बोर्ड के कार्यपालक निदेशक (यातायात वाणिज्य) ने गैर किराया राजस्व कार्यालय द्वारा अवांछित गैर किराया राजस्व प्रस्तावों संबंधी नीति बनाई है। नीति 15 पेज की है। जिसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति रेलवे की आय बढ़ाने के लिए सुझाव दे सकता है। सुझाव को कैसे लागू करना है इसके बारे में विस्तृत जानकारी देना होगा। दिए गए सुझाव रेलवे में पहले लागू नहीं होना चाहिए। प्रस्ताव के आधार पर योजना को लागू करने के लिए निविदा आमंत्रित की जाएंगी। निविदा से मिलने वाली राशि का दो फीसद लाभांश सुझाव देने वालों को दिया जाएगा।

साथ ही यह भी व्यवस्था की गई है कि सुझाव देने वाले चाहे तो वह खुद भी योजना लागू कर सकते हैं, तब रेलवे कोई लाभांश नहीं देगा, बल्कि सुझाव देने वाले से रेलवे शुल्क लेगा। रेलवे प्रत्येक साल सौ करोड़ रुपये राजस्व कमाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रत्येक रेल मंडल को लक्ष्य पूरा करने को कहा गया है। इसके बाद मंडल रेल प्रशासन ने लोगों से राजस्व बढ़ाने का सुझाव मांगे रहे हैं। वाणिज्य कंपनियां लगातार नये सुझाव लेकर रेलवे अधिकारी से संपर्क भी करना शुरू कर दिया है। हालांकि मुरादाबाद रेल मंडल को अभी तक इस तरह का सुझाव नहीं मिला है।