पश्चिमी यूपी में जाट समाज को ध्यान में रखते हुए दो जाट चेहरों को योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। जहां रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के गढ़ से दूसरी बार विधायक चुने गए केपी मलिक को योगी सरकार में मंत्री बनाया जा रहा है। वहीं योगी की पिछली सरकार में पंचायती राज मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह चौधरी को भी मंत्री बनाया जा रहा है।

बताया गया कि भूपेंद्र सिंह चौधरी उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी हैं। उन्हें 10 जून 2016 को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य चुना गया था। वह भाजपा के 2012 में पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे हैं।

मुरादाबाद में हुआ था भूपेंद्र सिंह का जन्म
भूपेंद्र सिंह चौधरी का जन्म मुरादाबाद जिले के गां महेंद्री सिंकदरपुर में हुआ था। भूपेंद्र चौधरी का जन्म साल 1966 में एक किसान परिवार में हुआ था। भूपेंद्र सिंह चौधरी की शुरुआती शिक्षा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में हुई और फिर मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज से उन्होंने 12वीं पास की। वह आगे चलकर विश्व हिंदू परिषद से जुड़े और फिर 1991 में उन्होंने भाजपा ज्वॉइन की।

इसके दो साल बाद वह भजापा की जिला कार्यकारिणी के सदस्य बन गए। फिर 2006 में उन्हें पार्टी का क्षेत्रीय मंत्री और 2012 में पार्टी का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया। वह 2016 में एमएलसी नामित हुए। राज्य में 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें पंचायतीराज राज्यमंत्री बनाया गया। 1999 के लोकसभा चुनाव में उनको भाजपा के टिकट पर संभल से चुनाव लड़ाया गया था। इस चुनाव में वह मुलायम सिंह यादव से हार गए थे।

उधर, बागपत जनपद में बड़ौत से दूसरी बार विधायक बने कृष्णपाल उर्फ केपी मलिक का भी मंत्री बनना तय है। केपी मलिक लंबे समय से राजनीति में हैं। वह बड़ौत के चेयरमैन भी रहे हैं। केपी मलिक मूल रूप से शामली के कुड़ाना गांव के रहने वाले हैं। केपी मलिक के पिता चौधरी विशंभर सिंह मलिक बड़ौत में काफी समय तक सहकारिता विभाग में रहे। विशंभर सिंह ने बड़ौत को ही अपना निवास स्थान बना लिया था, उन्हीं के साथ केपी मलिक भी यहीं पर रहने लगे थे।

केपी मलिक ने 1988 में बड़ौत से सबसे पहले राजनीतिक कदम बढ़ाया। वह 1988 में नगर पालिका परिषद बड़ौत के सभासद चुने गए थे। वर्ष 1990 में नगर पालिका बड़ौत से चेयरमैन बने। वर्ष 1996 में खाद्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तरी परिक्षेत्र के निदेशक नामित किए गए। वर्ष 1999 में उप्र सरकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड के मेरठ व सहारनपुर मंडल के निर्विरोध निदेशक बने।

इसके बाद वर्ष 2004 में स्थानीय निकाय (प्राधिकारी क्षेत्र- मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, हापुड़) से सदस्य, विधान परिषद के रूप में निर्वाचित हुए। वर्ष 2005 में लगातार तीसरी बार यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक के मेरठ व सहारनपुर मंडल के निर्विरोध निदेशक चुने गए। वर्ष 2012 में नगर पालिका बड़ौत के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। वर्ष 2017 में बड़ौत विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल करते हुए विधायक बने। वहीं सितंबर 2020 को उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड लखनऊ के निर्विरोध उपसभापति बनाये गए। इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा से बड़ौत सीट पर विधायक चुने गए हैं।