केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने कहा है कि क्षेत्रीय पार्टियों को विपक्ष की जगह लेने से बचाने के लिए कांग्रेस का मज़बूत होना ज़रूरी है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के सभी नेताओं से पार्टी के साथ बने रहने और कांग्रेस के लिए प्रतिबद्धता बनाए रखने को भी कहा. आज के प्रेस रिव्यू में सबसे पहले यही ख़बर पढ़ें.

अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की ख़बर के मुताबिक, पुणे में आयोजित जर्नलिज़म अवॉर्ड शो के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने ये भी कहा कि वो “प्रधानमंत्री पद” की दौड़ में शामिल नहीं हैं.

कार्यक्रम में सवाल-जवाब के सत्र के दौरान नितिन गडकरी ने कहा, “मैं एक राष्ट्रीय नेता हूं और अब इस पड़ाव पर वापस महाराष्ट्र की राजनीति में आने में मेरी दिलचस्पी नहीं है. एक समय था जब मैं केंद्र की राजनीति में नहीं जाना चाहता था, लेकिन मैं अब वहां खुश हूं. मैं सिद्धांतों पर राजनीति करता हूं न कि महत्वकांक्षाओं के आधार पर.”

उन्होंने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी लोकसभा चुनाव हार गए थे (1950 के दशक में) लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस के तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू उनका सम्मान करते थे. इसलिए, एक लोकतंत्र में विपक्षी पार्टी की भूमिका बेहद अहम है. मैं दिल से कामना करता हूं कि कांग्रेस मज़बूत बनी रहे. आज जो कांग्रेस में हैं उन्हें पार्टी के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हुए पार्टी में बने रहना चाहिए. उन्हें हार से निराश न होते हुए काम करना जारी रखना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “हर पार्टी का दिन आता है. बात ये है कि काम करते रहना है. सत्ताधारी दल और विपक्ष लोकतंत्र के दो पहियों की तरह हैं.”

उन्होंने एक ऐसा वाकया भी याद किया जब 1980 के दशक में बीजेपी की ख़राब स्थिति को देखते हुए नागपुर के दिवंगत कांग्रेसी नेता डॉक्टर श्रीकांत जिचकर ने उन्हें भगवा पार्टी छोड़ने की सलाह दी थी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के बीच विचारों में भेद हो सकता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि वे दुश्मन हैं.

कुशीनगर में एक मुस्लिम शख्स की हत्या के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है. इस 28 वर्षीय शख्स की कथित तौर पर बीजेपी का समर्थन करने की वजह से हत्या की गई.

अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बाबर अली के परिवार ने दावा किया है कि उनके बेटे ने यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का जश्न मनाने के लिए मिठाइयां बांटी थी. परिवार ने कहा है कि उनके बेटे को सत्ताधारी पार्टी के लिए प्रचार करने को लेकर धमकियां मिल रही थीं.

पुलिस ने कहा है कि वो बाबर अली के परिवार की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच करेगी. पुलिस के मुताबिक, मृतक का अपने पड़ोसियों और दूर के रिश्तेदारों से विवाद चल रहा था. ये सभी इस मामले में अभियुक्त बनाए गए हैं.

बाबर के परिवार के मुताबिक़, उनका बेटा एक फूड स्टॉल लगाता था. लेकिन 20 मार्च को कटघड़ी गांव में उनके घर की छत से ही बेटे को मार-पीट कर नीचे फेंक दिया गया.

बाबर के भाई चांद आलम ने कहा, “20 मार्च को बाबर अली घर के बाहर खड़े थे, जब चार अभियुक्त आए. उनके पास लाठियां और नुक़ीले हथियार थे और उन्होंने आते ही बाबर को मारना शुरू कर दिया. बाबर भाग कर छत पर चला गया. अभियुक्तों ने वहां जाकर भी उसे पीटा. जब बाबर बेहोश हो गया तो उसे छत से नीचे फेंक दिया गया.”

बाबर पर जब हमला किया गया तो उनकी पत्नी फ़ातिमा ख़ातून घर पर ही मौजूद थीं. बाबर को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. लेकिन 25 मार्च को लखनऊ के अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

हमले के अगले ही दिन बाबर की पत्नी ने चार पड़ोसियों आरिफ़, उनके पिता अज़ीमुल्लाह, अली के रिश्तेदार ताहिद और एक महिला सलमा के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई.

यूक्रेन से लौटे अंतरराष्ट्रीय छात्रों को रूस ने मदद का प्रस्ताव दिया है. रूस और क्राइमिया के शैक्षिक संस्थान उन छात्रों से संपर्क कर रहे हैं जो यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे थे.

अंग्रेज़ी अख़बार द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक़, ये संस्थान भारत में मौजूद काउंसलरों को भी रूस आने का न्योता दे रहे हैं.

इसी तरह की मदद का प्रस्ताव कज़ाखस्तान, जॉर्जिया, आर्मीनिया, बेलारूस और पोलैंड की तरफ़ से भी दिया जा चुका है. यहां तक कि बचाव कार्य के दौरान 140 भारतीय छात्र घर वापस आने की बजाय मोल्डोवा गए और अब वहां मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला भी लिया.

मोल्डोवा की सरकारी यूनिवर्सिटी की एक प्रतिनिधि ने कहा, “बीते सप्ताह तक यूक्रेन से सीधे यहां आने वाले 140 भारतीयों को हमारे विश्वविद्यालय में दाख़िला दिया गया है. हम उनसे इस सेमेस्टर का पैसा नहीं लेंगे और अब सितंबर महीने से उनसे फ़ीस ली जाएगी.”