दिल्ली और पंजाब में जबरदस्त बहुमत के साथ सरकार बना लेने के बाद अब आम आदमी पार्टी के हौंसले आसमान छू रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के टारगेट पर अब बीजेपी का गढ़ गुजरात है, जिसे जीतने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है.
पार्टी संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अहमदाबाद में तिरंगा यात्रा निकाली. इस रोड शो में पंजाब के सीएम और पार्टी नेता भगवंत मान भी शामिल थे. केजरीवाल ने गुजरात की जनता से आम आदमी पार्टी को एक मौका देने की अपील की.
गुजरात की जनता हमें भी एक मौका दे: केजरीवाल
केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा, ‘हम राजनीति करना नहीं जानते, लेकिन भ्रष्टाचार को खत्म करना जानते हैं. हमने दिल्ली में भ्रष्टाचार खत्म किया, पंजाब में भगवंत मान ने दस दिन में भ्रष्टाचार खत्म किया. अगर गुजरात की जनता भी AAP को एक मौका दे दे तो यहां पर भी दिल्ली-पंजाब की तरह भ्रष्टाचार मुक्त सरकार लोगों की सेवा करेगी.’
गुजरात के अहमदाबाद में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को रोड शो किया. इससे पहले केजरीवाल ने कहा कि मैं गुजरात में भाजपा या कांग्रेस को हराने नहीं आया हूं, बल्कि मैं गुजरातियों को जीतने आया हूं.
रथ की तरह सजाया गया था ट्रक
रोड शो की शुरुआत निकोल खोडियार माता मंदिर से दोपहर 3 बजे हुई. ये रोड शो बापू नगर में खत्म हुआ. रोड शो में ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’ गाने की गूंज सुनाई देती रही. इस दौरान केजरीवाल के समर्थक नारा लगाते रहे. इसके बाद रथ की तरह सजाए गए एक ट्रक में दो किलोमीटर के रोड शो के लिये रवाना हुए.
केजरीवाल ने कहा कि राज्य में अपने 25 साल के लंबे शासन की वजह से बीजेपी के नेता सत्ता के अहंकार में डूबे हुए हैं. ऐसे में राज्य से बीजेपी के अहंकारी नेताओं को हटाने के लिए जनता को आप को एक मौका देना चाहिए. इस दौरान उनके साथ गुजरात में पार्टी नेता ईशुदान गढ़वी और गोपाल इतालिया भी मौजूद थे.
गुजरात में इस साल होने हैं चुनाव
बताते चलें कि गुजरात में इस साल नवंबर-दिसंबर में असेंबली चुनाव होने हैं. वहां पर पिछले 25 साल से बीजेपी सत्ता पर काबिज है. गुजरात को बीजेपी का गढ़ और हिंदुत्व की प्रयोगशाला भी कहा जाता है. पिछले 25 साल से कांग्रेस प्रदेश की सत्ता से बीजेपी को हटाने की कोशिश कर रही है लेकिन पीएम मोदी के करिश्मे और बीजेपी की कुशल संगठन शक्ति की वजह से उसकी दाल नहीं गल पा रही है.
ऐसे में आम आदमी पार्टी को वहां पर मौका दिख रहा है. पार्टी को लग रहा है कि अगर वह अगले असेंबली चुनाव में गुजरात में सत्ता परिवर्तन कर सरकार बनाने में कामयाब हो जाती है तो एक पंथ दो काज हो जाएंगे. ऐसा होने पर राष्ट्रीय पार्टी के रूप में AAP की दावेदारी और मजबूत हो जाएगी. साथ ही बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के बजाय AAP मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी बन जाएगी.
पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि ऐसा होने पर अरविंद केजरीवाल सीधे पीएम मोदी की टक्कर में आ जाएंगे और संसदीय चुनाव में भी इन्हीं दोनों के बीच मुकाबला माना जाएगा. अरविंद केजरीवाल इन परिस्थितियों को भलीभांति भांप चुके हैं. राज्य में हुए नगर निकाय चुनावों में AAP को मिले जनसमर्थन से भी उनकी उम्मीदें बढ़ी हैं. उन्हें लग रहा है कि थोड़ी सी मेहनत की जाए तो दिल्ली-पंजाब की तरह गुजरात में भी बड़ा उलटफेर किया जा सकता है.
इसीलिए वे अपने सहयोगी और पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ गुजरात को मथने में लग गए हैं. सूत्रों के मुताबिक अब चुनावों तक अरविंद केजरीवाल का लगातार गुजरात में आना-जाना बना रहेगा और राज्य में संगठन मजबूत करने के लिए पार्टी नेताओं की लगातार ड्यूटी लगेगी. हालात से परिचित बीजेपी भी अपने संगठन को दुरुस्त कर AAP को काउंटर करने की रणनीति बनाने में लगी है.