नई दिल्ली. पश्चिम रेलवे अपने यात्रियों को एक तोहफा देने जा रहा है. 11 अप्रैल से रेलवे मुंबई सेंट्रल और गांधीनगर के बीच चलने वाली कैपिटल शताब्दी एक्सप्रेस के साथ विस्टाडोम कोच जोड़ने जा रहा है. विस्टाडोम कोच में कई आधुनिक सुविधाएं तो यात्रियों को मिलती ही हैं, साथ ही वे इसमें कांच की छत और खिड़कियां होने के कारण बाहर के शानदार नजारे भी देख सकते हैं.
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे यात्रियों को लग्जरी सुविधाएं प्रदान करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देशभर में अब तक 45 ट्रेनों में विस्टाडोम कोच लगा चुका है. इनका खास कांच का डिजाइन और इनमें दी गई सुविधाएं यात्रियों को खूब भा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए पश्चिम रेलवे ने अब ट्रेन संख्या 12009/10 मुंबई सेंट्रल-गांधीनगर केपिटल शताब्दी एक्सप्रेस में एक विस्टाडोम कोच जोड़ने का निर्णय लिया गया है.
11 अप्रैल से शुरू होगी सेवा
पश्चिम रेलवे द्वारा 11 अप्रैल 2022 से अस्थायी आधार पर मुंबई सेंट्रल-गांधीनगर कैपिटल शताब्दी एक्सप्रेस के था विस्टाडोम कोच जोड़ेगा. इस विस्टाडोम कोच में कांच की बड़ी खिड़कियां, कांच की छतें, घूमने वाली सीटें और एक ऑब्जर्वेशन लाउंज है, जिससे यात्री सुंदर बाहरी नज़ारों का आनंद ले हैं. विस्टाडोम कोच में 44 यात्रियों के बैठने की क्षमता है. मुंबई सेंट्रल-गांधीनगर केपिटल शताब्दी एक्सप्रेस में लगे विस्टा डोम कोच की बुकिंग 09 अप्रैल, 2022 से पीआरएस काउंटरों और आईआरसीटीसी वेबसाइट पर कराई जा सकती है. अधिक जानकारी के लिए रेलवे वेबसाइट पर www.enquiry.indianrail.gov.in विजिट किया जा सकता है.
ये खासियत है विस्टा डोम कोच की
कोच में यात्रियों के लिए कुल 44 सीटें हैं. ये सीटें आरामदायक तो हैं ही, पैर फैलाने के लिए भी काफी स्पेस है. इन सीटों की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इन्हें चारों ओर घुमाया जा सकता है. यानी यात्री सामने की ओर मुंह करके बैठने को मजबूर नहीं होगा, बल्कि जिस दिशा में चाहे, देख सकेगा. कोच में पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम के अलावा वाईफाई है. दरवाजे भी इसके ऑटोमेटिक ही खुलते हैं. शारीरिक तौर पर दिव्यांग लोगों का भी यहां ध्यान रखा गया है और दरवाजे इतने चौड़े हैं कि व्हील चेयर आसानी से आ जाए.
लगभग 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली रेलों के विस्टाडोम कोच में एक लाउंज भी होता है. अगर कोई यात्री सीट पर बैठकर बाहर के नजारे नहीं देखना चाहता तो वह खड़ा होकर प्राकृतिक नजारा देखना चाहे तो वो लाउंज में आ सकता है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसमें सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं.