नई दिल्ली. कार पर स्क्रैच ना लगे इसके लिए लोग कई सारे जुगाड़ करते रहते हैं. कार को धोते समय और कई अन्य कारणों से इसपर स्क्रैच लग जाते हैं जिससे कार पुरानी दिखने लगती है. ऐसे में अपनी कार को नया बनाए रखने के लिए सबसे बेहतर विकल्प टैफलॉन कोटिंग का होता है. इसमें आपकी कार पर केमिकल की एक सतह चढ़ाई जाती है जिससे बॉडी पर लगने वाले स्क्रैच इस टैफलॉन कोटिंग पर लगते हैं. तो यहां हम आपको टैफलॉन कोटिंग करवाने के फायदे और नुकसान की जानकारी दे रहे हैं और ये भी बता रहे हैं कि घर में कार पर कैसे टैफलॉन कोटिंग की जा सकती है, अगर पर्याप्त संसाधन ना हों तो आप बाहर से भी टैफलॉन कोटिंग करवा सकते हैं.

टैफलॉन कोटिंग के फायदे
अगर आप कार पर टैफलॉन कोटिंग लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपनी कार को अच्छी तरह साफ कर लें और फिर टैफलॉन कोटिंग करके कार को 15-20 मिनट तक छोड़ दें. बेहतरीन फिनिश के लिए बफिंग मशीन से कार को पॉलिश करें और 30 मिनट बाद ही आपकी कार पर टैफलॉन कोटिंग पूरी हो जाती है. अगर आपको इस प्रक्रिया की ज्यादा जानकारी नहीं है तो किसी प्रोफेशनल से भी टैफलॉन कोटिंग करवाई जा सकती है. ये कोटिंग ना सिर्फ छोटे स्क्रैच से कार को बचाती है, बल्कि इसपर पानी भी नहीं रुकता. ऐसे में कार धोने के बाद जो पानी के धब्बे रह जाते हैं उससे भी निजात मिलती है. इसके अलावा कार की चमक भी लंबे समय तक बनी रहती है और इसे साफ करना काफी आसान हो जाता है. वाहन के साइज के हिसाब से टैफलॉन कोटिंग करवाने में आपको 5,000 से 7,000 रुपये खर्च करने होंगे.

टैफलॉन कोटिंग के नुकसान
टैफलॉन बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता और बिना किसी शंका के आप कार पर इसे लगवा सकते हैं. लेकिन आपको ये बात जान लेनी चाहिए टैफलॉन कोटिंग डुपॉन्ट कंपनी का रजिस्टर्ड पेटेंट है और भारत में ये पेटेंट शेमर्स इंडिया को हासिल है. इसके अलावा वर्कशॉप पर कार को वैक्स और पॉलिश करके ही ग्राहक को टैफलॉन कोटिंग होने की बात बताई जाती है जो असल में टैफलॉन कोटिंग नहीं होती, यहां आप ठग लिए जाते हैं. पॉलिश और वैक्स कार को सिर्फ चमक देते हैं ना कि इसे स्क्रैच से बचाते हैं. ज्यादातर ग्राहकों को पता ही नहीं लगता कि कार पर टैफलॉन हुआ भी है या नहीं. तो यहां आपको बहुत सतर्क रहने की जरूरत होती है. टैफलॉन कोटिंग हुई है या नहीं, इसकी परख कई तरीकों से की जा सकती है और 260 डिग्री तापमान पर भी टैफलॉन कोटिंग कारगर होती है.