बागपत। कृषि कानूनों के विरोध में सरूरपुर कलां के किसान ने अपनी दस बीघा गेहूं की फसल जोत दी है। किसान का कहना है कि सरकार सुनवाई नहीं कर रही है। अब तक दो सौ किसानों की मौत हो चुकी है। सरकार को इस प्रकरण पर गंभीरता दिखानी चाहिए। किसानों की मांग पूरी होनी चाहिए।

बागपत के सरूरपुर कलां गांव के किसान राजपाल सिंह पुत्र टीकाराम के सूजरा मार्ग पर बिजलीघर के पास जमीन है। गुरुवार को किसान ने ट्रैक्टर से अपनी दस बीघा जमीन को जोतना शुरू कर दिया। इस बीच आसपास के किसान भी पहुंचे और उसे रोकने का प्रयास किया। मगर, राजपाल सिंह ने कहा कि वह बेहद दुखी होकर ही अपनी फसल को जोत रहा है। सरकार सुनवाई नहीं कर रही है। किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। किसान अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

युवा किसान क्लब के अध्यक्ष सुभाष नैन का कहना है कि किसान दुखी है और सरकार ध्यान नहीं दे रही है। सरकार को सुनवाई करनी चाहिए। किसानों ने ही वोट देकर सरकार बनवाई थी, लेकिन सरकार उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रही है।

देशखाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि किसान अपनी फसलों को बर्बाद न करें। संयम बरतें और आंदोलन में शामिल होकर अपनी ताकत झोंकते रहें। सरकार का रवैया निराशाजनक है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।