मेरठ. आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर निर्माण कराया जाए तो जेहन में ये सवाल जरूर आता है कि अमुक व्यक्ति कहीं अवैध कार्यों तो लिप्त नहीं है। ऐसे ही एक निर्माण पर अमर उजाला ने जांच पड़ताल की तो खाकी के काले कारनामों की पोल खुलती चली गई। हस्तिनापुर के पूर्व थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने सवा दो साल तक एक ही थाने में जमे रहकर अकूत संपत्ति अर्जित की, बल्कि अपने पद का दुरुपयोग भी किया।यही नहीं, बताया गया कि इस आलीशन इमारत का खुलासा होते ही थानाध्यक्ष ने सबूत मिटाने की कोशिश भी की है। इससे संभावना जताई जा रही है कि थानाध्यक्ष के इस सीक्रेट बंगले में कहीं अवैध कार्य तो नहीं किए जा रहे थे।
पोल खुलते ही जला दिए थे कागजात, फार्म हाउस पर लगाया था ताला
धर्मेंद्र के फार्म हाउस का खुलासा होने के बाद वहां तैनात हस्तिनापुर थाने के सिपाही और होमगार्ड को थाने बुला लिया गया था। फार्म हाउस में ताला लगा दिया गया था। अगले ही दिन फार्म हाउस के बाहर कुछ जले हुए कागज देखे गए। जिससे यह साफ हो गया कि जांच शुरू होने से पहले ही कुछ सबूतों को नष्ट करने का प्रयास किया गया था। अब इस मामले में मेडिकल थाने में पूर्व थानाध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
घने जंगल में आखिर क्यों बनाया आलीशान फार्म हाउस
मेरठ से सटे मवाना में घने जंगल में खेतों के बीच जिस स्थान पर धर्मेंद्र ने आलीशान फार्म हाउस का निर्माण किया है, वहां दिन में भी अकेले जाने में डर लगता है। आसपास के खेतों में किसानों ने जंगली जानवरों से फसल के बचाव के लिए तारबंदी कर रखी है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इस निर्माण के पीछे मोटी धनराशि खर्च करने मकसद क्या है?
उठ रहे कई सवाल
लोगों का कहना है कि यदि जमीन खरीद कर ही फार्म हाउस बनाना था, तो सड़क के आसपास भी जमीन मिल सकती थी। लोगों का कहना है कि शायद कुछ छिपाने के लिए ही जंगल के बीच में फार्म हाउस का निर्माण किया गया है।
पूर्व विधायक ने लगाए थे गंभीर आरोप
पूर्व विधायक और भाजपा नेता गोपाल काली प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगा चुके हैं धमेंद्र के फार्म हाउस पर सारे अवैध काम होते थे। फार्म हाउस के आसपास मिलीं बिसलेरी आदि की बोतलें इस बात की गवाही दे रहीं थीं कि वहां जब-तब कुछ चुनिंदा लोग पार्टियां कर जंगल में मंगल करते थे।
स्थानीय लोग मानते हैं कि धर्मेंद्र को अपने राजनीतिक आकाओं पर इतना विश्वास था कि उनके रहते कोई भी उन्हें मेरठ जनपद से हिला नहीं पाएगा। इसी विश्वास के चलते उन्होंने जगंल के मध्य ऐशगाह का निर्माण कर डाला था।
सोलर लाइट किसने उपलब्ध कराईं ?
फार्म हाउस में दो सोलर लाइट लगी हैं। इस तरह की सोलर लाइट को मुख्यत: नगर पंचायत या ग्राम पंचायत द्वारा ही खरीदा जाता है। दोनों सोलर लाइट किसने उपलब्ध कराई हैं? आईजी के निर्देश पर जांच कर रहे एसपी देहात और एसएसपी के निर्देश पर जांच कर रहे सीओ मवाना के लिए यह जांच का विषय है।
जांच में सभी आरोप पुष्ट
दोनों पुलिस अधिकारियों ने अपने-अपने तरीके से जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है। जांच में सभी आरोप पुष्ट हो चुके हैं। वहीं हस्तिनापुर नगर पंचायत के चेयरमैन अरुण कुमार का कहना है कि नगर पंचायत की ओर से सोलर लाइट नहीं दी गई है। नगर पंचायत की ओर से खरीदी गई सोलर लाइट का पूरा हिसाब उनके पास है।
जेनरेटर से हो रही थी बिजली आपूर्ति
फार्म हाउस तक बिजली लाइन नहीं होने के कारण यहां एक बड़ा साइलेंट जेनरेटर भी लगाया गया है। जेनरेटर की क्षमता इतनी है कि उससे कई एसी चल सकते हैं। फार्म हाउस की छत पर व्यायाम करने के लिए वेट लिफ्टिंग का सामान रखा हुआ है।
मामले में चली एंटी करप्शन की जांच में धर्मेंद्र पर सभी आरोप पुष्ट हो गए। धर्मेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद बुधवार को मेडिकल थाने में धर्मेंद्र पर केस दर्ज कराया गया।
डीआईजी एंटी करप्शन राजीव मल्होत्रा का कहना है कि भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति की जांच एंटी करप्शन ही करता है। मुकदमे के वादी इंस्पेक्टर अशोक शर्मा हैं, लेकिन जांच दूसरे इंस्पेक्टर करेंगे। धर्मेंद्र के खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद ही शासन से अनुमति लेने के बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया है।