नई दिल्ली. भारत एक कृषि प्रधान देश है. कहा जाता है कि देश की करीब आधी आबादी आज भी गांवों में रहती है. ऐसे में कई राज्यों की सरकार खेती किसानी को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं का ऐलान करती है. वहीं केंद्र सरकार भी किसानों के हितों में कई योजनाएं चलाने के साथ नेचुरल फार्मिंग पर जोर दे रही है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में जून से 5,200 गावों में प्राकृतिक खेती शुरू करने की घोषणा की है.
किसानों के हित में बड़ा फैसला
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में देसी गायों की देखरेख के लिए राज्य सरकार किसानों को प्रतिमाह 900 रुपये की मदद देगी. नवोन्मेषी खेती पर आयोजित एक वर्कशॉप में चौहान ने कहा कि विभिन्न फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग बढ़ा है.
हम नर्मदा जी के दोनों तटों पर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने का कार्य करेंगे। कार्यशालाओं का आयोजन कर किसानों को प्रेरित करेंगे। प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय आवश्यक है। किसानों को देसी गाय रखने के लिए ₹900 प्रति माह अनुदान के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे@NITIAayog pic.twitter.com/18EQZT0w8R
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) April 25, 2022
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी
रासायनिक उर्वरकों के बहुत अधिक इस्तेमाल के कारण मृदा की ‘सेहत’ खराब हुई है, जिसे रोकने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार उर्वरक सब्सिडी के लिए किसानों को 1.8 लाख करोड़ रुपये देती है और इसी तरह प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी दी जानी चाहिए. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हरित क्रांति में रसायनिक खाद के उपयोग ने खाद्यान्न की कमी को पूरा किया, परंतु अब इसके घातक परिणाम सामने आ रहे हैं.