नई दिल्ली. टेक्नोलॉजी के इस दौर में काफी विकास हुआ है। आज से कई सालों पहले मोबाइल फोन नहीं हुआ करते थे इस कारण कामों को करने में काफी समय लगता था लेकिन मोबाइल फोन के आने के बाद वर्चयुअली काम हो जाता हैं। आज चंद सेकंड में विदेश में बैठे व्यक्ति से वीडियो और ऑडियो कॉल के माध्यम से बात हो जाती है। लेकिन पहले ऐसा नहीं था।
हालांकि मोबाइल फोन के आने से पहले लैंडलाइन वाले फोन हुआ करते थे। लेकिन मोबाइल आने के बाद सिम कार्ड के माध्यम से हम एक दूसरे से बातें करते हैं। Sim Card के बिना स्मार्टफोन कुछ काम का नहीं है क्योंकि इसके बिना हम बातें नहीं कर सकते, WhatsApp नहीं चला सकते या इंटरनेट का भी उपयोग नहीं कर सकते थे। इस कारण किसी भी मोबाइल फोन में सिम कार्ड होना अनिवार्य है।
अब एक बात यह है कि सिम कार्ड का एक कोना कटा हुआ क्यों होता है, आखिर इसका काम क्या है और क्या पहले से ही सिम कार्ड ऐसे ही मिलते थे या अलग डिजाइन हुआ करता था। तो आज हम इसके बारे में आपको बताएंगे डिटेल्स में।
सिम कार्ड का कोना आखिर कटा हुआ क्यों होता है?
तो आपको बता दें कि शुरुआत में सिम कार्ड बिना कटे हुए कॉर्नर के साथ आते थे। लेकिन इसके बाद कटे हुए कॉर्नर के साथ क्यों आते है इसके पीछे बड़ी वजह है।
जी हाँ, पहले जब मोबाइल फोन का आविष्कार हुआ था तो उस समय सिम कार्ड को एक सामान्य डिजाइन के साथ बनाया गया था और इसका कॉर्नर कटा हुआ नहीं आता था। इस कारण से कई बार लोगों को सिम कार्ड मोबाइल में डालने और निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
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इस कारण लोगों को समझ नहीं आता था कि सिम कार्ड को कैसे डालना है। इस कारण कई बार सिम को उल्टी डाल देते थे। इस कारण टेलीकॉम कंपनियों ने इस लूपहोल को पकड़ा और फिर सिम कार्ड की डिजाइनिंग में कुछ बदलाव किए।
इस कारण बाद में टेलीकॉम कंपनियों ने सिम कार्ड को कटे हुए डिजाइन के साथ पेश किया जाने लगा। इसके बाद लोगों को ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
सिम कार्ड के डिजाइन में हुआ है काफी बदलाव
वहीं सिम कार्ड के इवेल्यूएशन में काफी बदलाव हुआ है। पहले बड़ी सिम कार्ड आया करती थी इसके बाद स्टैंडर्ड सिम कार्ड, फिर माइक्रो और इसके बाद अब चलन नैनो सिम कार्ड का है। जबकि अब आने वाले समय में eSIM का दौर शुरू होने वाला है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है।
इस प्रकार समय के साथ-साथ सिम कार्ड के डिजाइन में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिला है और तो eSIM का चलन भी शुरू हो चुका है जिसका मतलब यह है कि बिना फिजिकल सिम से आपको नंबर मिल जाएगा जिसके बाद आप बातें कर सकेंगे।
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