मेरठ.शायद यह जानकर आप आश्चर्यचकित होंगे कि अब मेरठ के डिवाइडर का कच्चा हिस्सा गाय के गोबर से लीपा जाएगा। लेकिन ऐसा होने जा रहा है। एनसीआर क्षेत्र में धूल की वजह से बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए नगर निगम एक किमी डिवाइडर के कच्चे हिस्से में यह प्रयोग करेगा। इसके लिए गंगानगर डिवाइडर रोड को चिन्हित किया गया है।
गुरुवार को नई दिल्ली में हुई
भारत सरकार के कमीशन फार एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की बैठक में नगर निकायों को यह सुझाव दिया गया है। मेरठ में खराब वायु गुणवत्ता के लिए धूल को प्रमुख कारण माना गया है। इस पर चिंता जाहिर की गई है। माना गया है कि डिवाइडर के किनारों की धूल तो रोड स्वीपिंग मशीन से या सफाई के दौरान हट जाती है। लेकिन जो डिवाइडर सड़क के बीच काफी चौड़े बने हैं। उनके बीच मे मिट्टी भर दी जाती है। पौधरोपण बहुत कम होता है। यह मिट्टी उड़ कर डिवाइडर किनारे जमा हो जाती है। सुझाव दिया गया है कि गाय के गोबर से डिवाइडर के इस हिस्से की लिपाई की जाए तो धूल उड़ने से रोकी जा सकती है। नगर निगम के अधिशासी अभियंता अमित शर्मा ने कहा कि गंगानगर में कच्चे डिवाइडर हैं। इन पर यह प्रयोग किया जाएगा।
केमिकल युक्त पानी का छिड़काव होगा
यह भी सुझाव दिया गया है कि पानी मे एक प्रकार का केमिकल मिलाया जाएगा। जिसके साथ छिड़काव होने पर करीब छह घण्टे नमी बनी रहेगी। नगर निगम इस केमिकल की खरीदी करेगा। धूल बैठाने के लिए सड़क पर पानी का छिड़काव होता है। चल रहे विकास कार्यो के कारण धूल के गुबार उड़ रहे हैं।
ज्यादा से ज्यादा वन और ग्रीन बेल्ट तैयार करेंगे
बैठक में यह भी कहा गया है कि मेरठ में ग्रीन बेल्ट और वन क्षेत्र विकसित करने होंगे। पर्यावरण संतुलन के लिए यह काम प्राथमिकता में करना जरूरी है। 10 हजार पौधों का वन मिया बाकी पद्धति से तैसर करने के लिए नगर निगम एक स्थान शहरी क्षेत्र में विकसित करेगा। बैठक में गत वर्ष इसी पद्धति से गांवड़ी डंपिंग ग्रांउड में कूड़ा निस्तारित कर वन तैयार करने की सराहना भी की गई। लेकिन ऐसे प्रयासों में तेजी लाने को कहा गया है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 25 फीसद पौधरोपण अधिक करने का लक्ष्य दिया गया है। गत वर्ष 13,500 पौधे निगम ने रोपे थे। इस बार 25 हजार से अधिक पौधे जुलाई तक रोपने हैं।