नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी की महिला नेता को दंगे भड़काने मामले में सात साल की कैद की सजा सुनाई गई है। आप की महिला नेता निशा सिंह पर सरकारी अधिकारियों पर हमला करने, लोगों को दंगा के लिए भड़काने जैसे आरोप लगे थे। जिसे गुरुग्राम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सही पाते हुए उन्हें यह सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोना सिंह की अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
निशा सिंह के वकील का कहना है कि वो अब इस मामले को हाई कोर्ट ले जाएंगे। उन्होंने हाई कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद जताई है।
विदेश में एमबीए कर की गूगल में नौकरी, अब जॉइन थी AAP
निशा सिंह ने मुंबई यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने ब्रिटेन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एमबीए की पढ़ाई की। राजनीति शुरू करने से पहले निशा ने गूगल जैसी कई बड़ी कंपनियों में काम किया था। भारत लौटने के बाद 2011 में उन्होंने गुरुग्राम नगर निगम का निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गईं। 2014 में निशा सिंह ने आम आदमी पार्टी जॉइन कर लिया।
अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हुआ था हमला
2015 में गुरुग्राम में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की टीम अतिक्रमण हटाने गई थी। इसी दौरान टीम पर पत्थरों और पेट्रोल बम से हमला हो गया। इस हमले में 15 पुलिसकर्मी और एक मजिस्ट्रेट घायल हो गए थे। अब इस मामले में निशा सिंह समेत कुल 17 लोगों को सजा सुनाई गई है। इनमें 10 महिलाएं भी शामिल हैं। सभी महिलाओं पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।
इन महिला नेताओं को भी हो चुकी है जेल
निशा सिंह से पहले भी कई महिला नेताओं को दंगा भड़काने के आरोप में जेल हो चुकी है। सीएए-एनआरसी के विरोध में हुए दिल्ली दंगा के बाद पुलिस ने कांग्रेस पार्षद इशरत जहां को गिरफ्तार किया था। इसी दंगे में छात्र नेता सफूरा जरगर को भी जेल की सजा हुई थी। इसी तरह मध्यप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को दंगे के आरोप में वारंट जारी होने के बाद अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।