नई दिल्ली. बिजली आपूर्ति संकट और कई राज्यों में बिजली कटौती के बीच सरकार ने सोमवार को असंचालित कोयला आधारित संयंत्रों को पुनर्जीवित करने पर चर्चा शुरू की. ‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने 7,150 मेगावाट के कोयला आधारित संयंत्रों को पुनर्जीवित करने की योजनाओं पर चर्चा का नेतृत्व किया. यह चर्चा उस दिन हुई जब गृह मंत्री अमित शाह भी पावर क्राइसिस के मद्देनजर बिजली और कोयला मंत्री से मिलने के लिए इच्छुक थे. सूत्रों ने बैठक की पुष्टि की, लेकिन इसके एजेंडे का खुलासा नहीं किया.
कोयला आधारित असंचालित संयंत्रों को पुनर्जीवित करने पर बैठक के बीच, अप्रैल में बिजली की मांग में 14 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई. देश में इलेक्ट्रिसिटी डिमांड 134 बिलियन यूनिट के उच्चतम स्तर को छू गई. यह अनुमान है कि मई में बिजली की मांग बढ़कर 222 गीगावॉट हो सकती है. मौसम विभाग ने हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. मई में उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में सामान्य से अधिक तापमान का पूर्वानुमान भी है, जो 72 वर्षों में दूसरी सबसे भयंकर गर्मी का सामना कर रहा है.
मंत्रालय द्वारा 29 अप्रैल को 14:50 बजे पूरे भारत में हाइएस्ट इलेक्ट्रिसिटी डिमांड 2,07,111 मेगावाट थी. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बिजली की मांग आखिरी बार अगस्त 2021 में 130 बिलियन यूनिट पर पहुंची थी. यह पूछे जाने पर कि असंचालित कोयला आधारिति बिजली संयंत्रों को पुनर्जीवित करने पर बैठक से सरकार क्या उम्मीद कर रही है? ऊर्जा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बिजली कंपनियों के साथ 2,000 मेगावाट से अधिक की क्षमता वाले तीन कोयला आधारित संयंत्रों के संचालन के लिए चर्चा चल रही है जो मौजूदा संकट को कम करने में मददकारी होगा.
कई राज्यों को उपभोक्ताओं को बिजली प्रदान करने के लिए बिजली कटौती और औद्योगिक गतिविधियों बाधित करने का सहारा लेना पड़ा है. क्योंकि भीषण गर्मी की स्थिति जारी है. देशभर में भीषण गर्मी के बीच इस हफ्ते में पीक आवर में बिजली आपूर्ति तीन बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वीके त्रिपाठी ने रविवार को कहा कि 2021 के मुकाबले इस साल कोयले की मांग और खपत करीब 20 फीसदी बढ़ गई है.