काशीपुर. काशीपुर के ईदगाह मैदान के पास लाला ब्रजनंदन प्रसाद रस्तोगी के परिवार की कृषि जमीन है। इजमन पर खाता संख्या 827 (1) व ( 2) का करीब चार बीघा रकबा ईदगाह की बाउंड्री से सटा है। इस हिस्से को शामिल करने पर ईदगाह का स्वरूप आयताकार हो जाता है। ब्रजनंदन इस जमीन को ईदगाह के लिए दान करने के इच्छुक थे लेकिन यह रकबा उनकी दोनों बेटियों सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी के नाम पर था।
ब्रजनंदन प्रसाद रस्तोगी ने अपनी मंशा का जिक्र पूर्व सांसद सत्येंद्र चंद्र गुड़िया से किया था। ब्रजनंदन के ईदगाह कमेटी के ओहदेदारानों से करीबी ताल्लुकात थे। वह हर साल ईदगाह के लिए चंदा देते थे। 25 जनवरी, 2003 को ब्रजनंदन रस्तोगी का निधन हो गया। बाद में सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी को पिता की इच्छा के बारे में पता चला तो उन्होंने भाई राकेश रस्तोगी की मदद से कमेटी के सदर हसीन खान से संपर्क कर ईदगाह से सटी जमीन दान करने की दच्छा जताई।
सरोज का परिवार मेरठ और अनीता का परिवार दिल्ली में रहता है। दोनों की सहमति पर सरोज के पति सुरेंद्रवीर रस्तोगी और बेटे विश्ववीर रस्तोगी के साथ ही अनीता के बेटे अभिषेक रस्तोगी एक मई को काशीपुर पहुंचे। समाजसेवी पुष्प अग्रवाल, राकेश रस्तोगी, ईदगाह के सदर हसीन खान की मौजूदगी में हलका लेखपाल को बुलाकर जमीन की पैमाइस कराई गई और ईदगाह से सटी जमीन पर कमेटी को कब्जा दे दिया गया। कमेटी ने बाउंड्री का काम भी शुरू कर दिया है।