लखनऊ. पुलिस भर्ती में नकल करके दरोगा बनने का ख्वाब देखने वाले 18 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पकड़े गए सभी अभ्यर्थियों की पोल उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की जांच में खुली थी. भर्ती बोर्ड की तरफ से शनिवार को महानगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. शनिवार को 6 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया था जबकि रविवार को 12 और अभ्यर्थियों को पकड़ कर जेल भेजा गया है.

क्या है मामला?

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के साथ ही पीएसी और अग्निशमन विभाग में दरोगा भर्ती के 9545 पदों के लिए बीते वर्ष भर्ती निकाली गई थी. 12 नवंबर और दो दिसंबर 2021 को भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा हुई. जिसमें कुछ अभ्यर्थियों ने नकल करके सफलता हासिल की थी. इस मामले ने तूल पकड़ा और असफल अभ्यर्थियों ने जांच की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन और आंदोलन शुरू कर दिया. आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए दोबारा परीक्षा कराने की मांग की थी. अभ्यर्थियों का आरोप है कि अनुचित तरीके से पास हुए अभ्यर्थियों ने सॉल्वरों को 15-15 लाख रुपए को दिए थे. इस मामले में एसटीएफ ने गोरखपुर से कुछ सवाल व पकड़े भी थे.

जांच में चौंकाने वाला खुलासा
भर्ती बोर्ड ने आरोपों की जांच कराई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. भर्ती बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा में 2 घंटे में 160 प्रश्न हल करने थे, जबकि कुछ अभ्यर्थियों ने मात्र 1 मिनट में ही 25 से 40 प्रश्न हल कर दिए. इतने वक्त में प्रश्न पूरी तरह से पढ़ना भी संभव नहीं है, प्रश्नों का जवाब देना तो दूर की बात है. जांच में कई नाम सामने आए जिनके खिलाफ भर्ती बोर्ड ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. महानगर पुलिस में 18 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है.

कौन-कौन हुआ गिरफ्तार?
गिरफ्तार किए गए लोगों में हरियाणा के पंचकुला का हेम गुप्ता, जींद का राहुल और राहुल कुमार, मैनपुरी निवासी यादवेंद्र, शामली का अंकित कुमार, हाथरस का देवेंद्र, शिकोहाबाद का हरिमोहन, फिरोजाबाद के सचिन कुमार और जितेश कुमार, सहारनपुर में रहने वाले सत्येंद्र, अंकुर और देव चौधरी शामिल हैं.