मुरादाबाद। भारत में प्रकृति की पूजा का विधान आदि काल से है। पेड़, नदियां, पहाड़ और पशु-पक्षी सभी का संरक्षण भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। आधुनिक परिवेश में हरियाली को बचाने के लिए पूरे विश्व में मंथन किया जा रहा है। दुनिया के विकसित देश भारत पर सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन का दोष मढ़ते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व के सभी अंतरराष्ट्रीय मंच में इस पर आपत्ति दर्ज कराने के साथ ही सुधार की बात कही है। देश को 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है।

इसके तहत उत्तर प्रदेश के चार मंडल सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ के साथ ही मुरादाबाद में कार्बन फाइनेंस योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के तहत पहले किसानों को लाभ दिया जाएगा। जिला प्रशासन और वन विभाग के अफसर गांव-गांव खेत में लगे पेड़ों का सर्वे कर रहे हैं। जिन भी किसानों के खेत में पेड़ लगे होंगे उन्हें एक पेड़ के रखरखाव के लिए प्रतिवर्ष दो सौ से ढाई सौ रुपये दिए जाएंगे।

भुगतान भारत सरकार के माध्यम से सीधे किसान के खाते में पहुंचेगा। इसके लिए किसान के साथ कोई अनुबंध नहीं किया जाएगा। वन विभाग के अफसर किसान के बैंक खाता के साथ ही खसरा-खतौनी, गाटा संख्या के साथ ही पेड़ों की संख्या का विवरण फार्म में भरेंगे। ब्लाक, तहसील मुख्यालय में इस योजना का लाभ लेने के लिए फार्म भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही वन विभाग के रेंजर भी किसानों को इस योजना के बारे में जानकारी देने के साथ ही लाभ के बारे में बता रहे हैं।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के प्रथम चरण में केवल किसानों को लाभ दिया जाएगा। इस दौरान साल 2018 से 2021 तक लगाए गए पेड़ों की गणना की जाएगी। इस दौरान किसान अपने पेड़ काट भी देते हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। प्रतिवर्ष किसानों की पेड़ की गणना करके उन्हें लाभ दिया जाना है।

वन विभाग ने मुरादाबाद के आठ ब्लाक में सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया है। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए देश में एनर्जी एंड रिसोर्सेज़ इंस्टीट्यूट (टेरी) काम करती है। देश में ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन तथा सस्टेनेबिलिटी जैसे विषय पर यह संस्था शोध करती है। मुख्यालय दिल्ली में है, जबकि क्षेत्रीय कार्यालय गुरुग्राम, बेंगलुरु, गोवाहाटी, मुंबई, पणजी और नैनीताल में स्थित हैं। इस संस्थान में समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री और इंजीनियरों की टीमें शोध करने के साथ ही भारत सरकार को रिपोर्ट देती है। टेरी की स्थापना टाटा ग्रुप ने 1974 में की थी। भारत में कार्बन उत्सर्जन को काम करने के लिए टेरी काम कर रही है। टेरी की रिपोर्ट के आधार पर ही किसानों के खातों में पैसा भेजा जाएगा।

उत्तर प्रदेश के चार मंडल में कार्बन फाइनेंस योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के तहत आगामी दस वर्ष में 50 लाख टन कार्बन खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही इस योजना से किसानों की आय भी दोगुना हो जाएगी। पेड़ से किसान के आय साधन भी बनेंगे। इसके साथ ही हरे पेड़ों की कटान में भी फर्क आ जाएगा।

मुरादाबाद मंडल के प्रभागीय उप निदेशक वन विभाग विजय सिंह ने कहा कि देश में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए भारत सरकार के माध्यम से योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के तहत किसानों के खेत में जितने हरे पेड़ होंगे, उनका पैसा दिया जाएगा। यूपी के चार मंडल में प्रथम चरण में यह अभियान शुरू हुआ है। ब्लाक स्तर पर सर्वेक्षण के लिए वन विभाग की टीम जा रही है। इस योजना के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि होगी। साथ ही खेत और खलिहान में लगे पेड़ का उन्हें पैसा मिलने से वह भी सुरक्षित रहेंगे। इस पैसे को लेने के लिए कोई शर्त या अनुबंध नहीं होगा।