मेरठ. भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम जनता से क्या हारे, लगता है उनका अब भाजपा में भी कद घटने लगा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्रांति दिवस पर अमर शहीदों को नमन करने मेरठ आए। CM योगी करीब साढ़े तीन घंटे मेरठ रहे। लेकिन संगीत सोम योगी के साथ मंच पर भी नहीं दिखे। हैलीपेड पर भी वह भाजपा नेताओं में पीछे रहे। विक्टोरिया पार्क के कार्यक्रम में भी सोम मंच व कार्यक्रम में नहीं रहे। भाजपा नेताओं में रात तक इस पर चर्चा करते रहे।

चुनाव में हार, या फिर कद कम होने लगा
भाजपा के संगीत सोेम अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं। कभी अखिलेश यादव तो कभी सपा सरकार पर खूब निशाना साधा। छह माह माहे संगीत सोम ने एक कार्यक्रम में बयान दिया था की दिया यदि सपा की 44 सीटें हैं, यदि इस बार के चुनाव में आधी भी आईं तो राजनीति छोड़ दूंगा।

सरधना से दो बार विधायक रहे संगीत सोम, इस बार चुनाव हारे
2017 के विधानसभा चुनाव में दूसरी बार संगीत सोम विधायक बने। दोनों बार संगीत सोम ने सपा नेता अतुल प्रधान को हराया। 2022 के विधानसभा चुनाव में संगीत सोम सपा के अतुल प्रधान से ही चुनाव हार गए। विधायक रहने तक वह हमेशा मंच पर रहे और सीएम योगी व पीएम के कार्यक्रमों में सबसे आगे रहते थे। 2013 में संगीत सोम पर मुजफ्फरनगर में दंगा भड़काने के आरोप लगे थे, जिन्हें जेल भी जाना पड़ा था

शहीद स्मारक पर भी संगीत सोम नजर नहीं आए
योगी आदित्यनाथ मंगलवार को पांच बजे पुलिस लाइन हेलीपेड पर पहुंचे। यहां भाजपा नेताओं से मिले। उसके बाद धन सिंह कोतवाली की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाते हुए नमन किया। यहां सांसद राजेंद्र अग्रवाल, बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव कुसैड़ी, मंत्री सोमेंद्र तोमर, मंत्री दिनेश खटीक आगे रहे, लेकिन पूर्व विधायक संगीत सोम पीछे ही रहे। उसके बाद शहीद स्मारक व भी संगीत नजर नहीं आए। विक्टोरिया पार्क में उनको लेकर भाजपा नेता चर्चाएं रहीं।

नौचंदी मेले का भी जाना हाल
सीएम योगी ने रात में विक्टोरिया पार्क के कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव कुसैडी से मेले का हाल जाना। मेले को सकुशल कराने के लिए कहा। सीएम ने कहा कि मेले का प्राचीन इतिहास है, मेले का आयोजन बेहतर ही भव्य होना चाहिए। मंगलवार से ही मेले में कार्यक्रम शुरू हुए। धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा पर नमन करने से पहले सीएम ने मंत्री सोमेंद्र तोमर को आगे बुलाया। शहीद धन सिंह कोतवाल भी गुर्जर रहे, सोमेंद्र भी गुर्जर बिरादरी से हैं। वहीं धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा कांस्य की लगवाने के लिए निर्देश दिए