मेरठ. दौराला में सड़क हादसे में किसान की मौत के बाद पीड़ित स्वजन को डंपर स्वामी ने जो 14 लाख रुपये का चेक सौंपा था, वह चेक बाउंस हो गया। जिसके बाद भाकियू कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को ठेकदार की साइड पर पहुंचकर उसका काम रुकवा किया और वहीं धरने पर बैठ गए। मौके पर पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने फैसला कराया, जिसके बाद धरना समाप्त हुआ। दौराला गांव निवासी बबलू 13 अप्रैल को सरधना से अपने गांव दौराला जा रहा था। सरधना रोड पर तेज रफ्तार में जा रहे मिट्टी से भरे डंपर ने बाइक सवार बबलू को टक्कर मार दी थी। अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
हंगामे के बाद मिट्टी ठेकेदार व डंपर स्वामी ने मुआवजा के नाम पर 14 लाख रुपये का चेक पीड़ित स्वजन को दिया था। पीड़ित स्वजन ने चेक खाते में लगाए तो वह बाउंस हो गए। जिसके बाद पीड़ित स्वजन ने प्रकरण भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी को बताया। जिलाध्यक्ष संग भाकियू कार्यकर्ता मंगलवार को दौराला क्षेत्र में नई रेलवे लाइन निर्माण वाली जगह पर पहुंच गए, जहां ठेकेदार डंपर से मिट्टी डलवाने का काम कर रहा था। भाकियू कार्यकर्ता मुआवजे की मांग पर धरने पर बैठ गए। इसी बीच मुजफ्फरनगर से दिल्ली जा रहे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी सूचना के बाद धरनास्थल पर पहुंच गए और ठेकेदार से बातचीत की।
टिकैत ने ठेकेदार से बातचीत कर फैसला किया कि दो दिन के अंदर तीन लाख रुपये नगद ठेकेदार पीड़ित स्वजन को देगा। जून से 15 हजार रुपये माह बतौर खर्चा पीड़ित स्वजन को देगा। मुआवजे का क्लेम पीड़ित पक्ष को जब मिल जाएगा, तब ठेकेदार 15 हजार रुपये माह देना बंद कर देगा। भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि पीड़ित के पक्ष में धरने पर बैठे थे, जहां पर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने फैसला करा दिया।