मेरठ। गन्ने की फसल के लिए बढ़ता तापमान भी मुसीबत बनता रहा है। अभी मानसून आने में करीब डेढ़ महीने का समय है। मगर, फसल में कई तरह के रोग आ रहे हैं। गन्ना वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक तापमान के कारण इस मौसम में गन्ने की फसल प्रभावित हो रही है। मेरठ मंडल की चीनी मिलों में मिल प्रबंधन के अनुदान पर छिड़काव शुरू कर दिया गया है।
पताई जलाने से भी नमी कम हो रही
अनामिका शुगर मिल के गन्ना प्रबंधक कुशलवीर सिंह ने बताया कि पिछले एक महीने से लगातार तापमान 40 डिग्री के ऊपर है। ऐसे में गन्ने की फसल में अलग-अलग तरह के रोग आ रहे हैं।
जहां पताई को जलाया जा रहा है, वहां नमी कम होने के कारण गन्ने की फसल की जड़ें भी कमजोर हो रही हैं। साथ ही पानी की कमी के चलते भी कीट अधिक नुकसान कर रहे हैं। मेरठ मंडल के मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद, बागपत जिलों में 2 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर गन्ना पैदा होता है।
यह रोग कर रहे प्रभावित
गन्ने में इस समय चोटी वेधक, अंकुर वेधक, ब्लैक बग, कीट सबसे ज्यादा नुकसान कर रहे हैं। कंडुवा रोग भी फसल को प्रभावित कर रहा है। गन्ना मिलों द्वारा किसानों के लिए राहत देते हुए अनुदान पर कीट और रोग नियंत्रण के लिए छिड़काव कराया जा रहा है। इसके लिए मिलों द्वारा गांवों में प्रचार करते हुए बीमारी की रोकथाम की जानकारी के लिए गोष्ठी कर किसानों को जागरूक किया जा रहा है।