मेरठ. मेरठ में चोरी के वाहनों के कटान के लिए बदनाम सोतीगंज मार्केट की पहचान बदलने के बाद कभी देह व्यापार के लिए बदनाम रहे मेरठ के कबाड़ी बाजार की पहचान भी जल्द ही बदली जाएगी। एक बार फिर से यह इलाका गुलजार होगा। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर कबाड़ी बाजार के कोठों को तीन साल पहले बंद करा दिया गया था। तकरीबन सौ से ज्यादा देह व्यापार में लिप्त को दिल्ली शिफ्ट किया कर दिया गया था। इनमें सबसे ज्यादा संख्या राजस्थान, नेपाल, मध्यप्रदेश आदि राज्यों की लड़कियों की बताई गई थी।
मेरठ रेड लाइट एरिया में हाईकोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में 400 महिलाएं व युवतियां थीं, जिनके 75 कोठे बताए थे। हाईकोर्ट के आदेश पर रेडलाइट एरिया में पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई हुई और 58 कोठों पर पुलिस ने सील लगा दी। अब इन 58 भवनों के मालिक चाहते हैं कि बंद भवनों को फिर से खोला जाए।
मेरठ में कभी रेड लाइट एरिया के नाम से पहचाने जाने वाले कबाड़ी बाजार के 58 भवनों में अब किराना और कॉस्मेटिक्स आदि की दुकानें खुल सकती हैं। मकान मालिकों ने प्रशासन से ताले खोलने की अनुमति मांगी है।
भवन मालिकों का कहना है कि वे अपनी बिल्डिंग अनैतिक कार्य के लिए किराये पर नहीं देंगे। तमाम लोगों के प्रार्थनापत्र आने के बाद जिला उद्धार अधिकारी ने इस संबंध में सिटी मजिस्ट्रेट से मार्गदर्शन मांगा है।
सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार भट्ट ने जिला उद्धार अधिकारी से हाईकोर्ट में चल रहे केस, अब तक हुए आदेश और कार्रवाई का अवलोकन करने के बाद ही निर्णय लिए जाने की बात कही है।
कहां गई देह व्यापार में लिप्त महिलाएं, नहीं ली सुध
पुलिस की कार्रवाई से पहले कोठों से देह व्यापार में लिप्त महिलाएं गायब हो गई। सवाल बड़ा है कि आखिर ये सभी कहां गई, इसकी सुध लेना भी पुलिस प्रशासन ने मुनासिब नहीं समझा। रेडलाइट एरिया से इन्हें हटाया गया, यह वाकई सराहनीय काम था। लेकिन ऐसे भी मामले लगातार सामने आते रहे जिनसे यह खुलासा हुआ कि अधिकांश महिलाएं शहर के पॉश इलाकों में शिफ्ट हो गईं। पुलिस के मुताबिक शास्त्रीनगर, गंगानगर, माधवपुरम समेत कई जगहों पर किराये का मकान लेकर ये रहने लगीं।
कोई महिला व युवती घर नहीं पहुंची
मेरठ रेडलाइट एरिया में नेपाल, राजस्थान और कोलकाता निवासी युवतियां व महिलएं सबसे ज्यादा थीं। इसके अलावा सदर बाजार, कंकरखेड़ा सहित कई जगहों की लड़कियां भी रेडलाइट एरिया में रहने वाली बताई गईं। बड़ा सवाल है कि इन कोठों से निकली कोई देह व्यापार में लिप्त महिला अपने घर पहुंची या नहीं, इसकी भी अब तक कोई जांच नहीं हुई।
खूब पड़े छापे, कई को कराया मुक्त
पुलिस रिकॉर्ड की बात करें तो एक जनवरी 2014 से लेकर कबाड़ी बाजार स्थित कोठों से 142 युवतियों को रेस्क्यू कराया गया। जबकि 116 लोगों को अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया। इनमें कोठा संचालिका भी शामिल थीं। पूर्व में यहां जो भी लड़कियां बरामद हुईं, उनमें यूपी के अलावा मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और नेपाल की लड़कियां बंधक मिलीं। पूर्व में बताया गया था कि कोठों पर 150 से 200 युवतियां को बंधक बनाकर देह व्यापार कराया जाता था।