नई दिल्ली। मोहब्बत की निशानी ताजमहल के बंद 22 कमरों को खुलवाने की याचिका को भले ही हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया हो. लेकिन अब भी ताजमहल के कमरों की चर्चा सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है. इसी चर्चा में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी एंट्री मार दी है. उन्होंने ताजमहल पर ट्वीट कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. रालोद नेता ने लिखा है कि “जी हां, ताजमहल हमारा है“ उनके ट्वीट के बाद तमाम लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है.

जयंत चौधरी के इस ट्वीटर पर कुछ लोगों ने जहां उन्हें घेरा है तो कई लोगों ने उनका का समर्थन भी किया है. रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने 13 मई शुक्रवार रात को करीब 9ः54 पर एक ट्वीट किया और उसमें लिखा “जी हां, ताजमहल हमारा है“ जयंत चौधरी के ट्वीट के कुछ समय बाद ही लोगों ने उस ट्वीट को लाइक करना शुरू कर दिया. शनिवार दोपहर 4ः00 बजे तक जयंत चौधरी के ट्वीट पर करीब 15100 लोगों ने लाइक किया और 1446 लोगों ने उसे रिट्वीट किया है. वहीं करीब 900 लोगों ने ट्वीट पर कमेंट किए हैं.

जयंत चौधरी को फॉलो करने वाले नैतिक ने कमेंट में 1 चैनल का स्क्रीनशॉट तक डाल दिया. जिसमें लिखा था कि 1907 में भरतपुर के जाटों ने ताजमहल का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया था और अपने साथ ले गए थे. जिसके बाद ताजमहल में भूसा भर उसे अस्तबल बनवा दिया था. वहीं एक और ट्विटर यूजर श्रीपाल गोरचिया जाट ने तो एडिटिंग का इस्तेमाल कर ताजमहल के ऊपर जाट धर्मशाला लिख दिया और ताजमहल के प्रांगण में एक फोटो चस्पा कर दिया. जिसमें कुछ लोग बैठकर हुक्का फूंक रहे हैं.

वहीं सुनीत नाम के एक यूजर ने जयंत चौधरी की जमकर आलोचना की उसने कहा “जी हां जाट भी आपके थे ,लेकिन आपने धोखा दिया उन्हें, मुजफ्फरनगर दंगे में जाटों के ऊपर जुर्म करवाने वाले रामपुर के नवाब के घर चाय पी रहे थे. इसीलिए जाट तुम्हारे थे पर अब तुम्हारे नहीं ,क्योंकि तुमने जाटों को धोखा दिया. हालांकि जो भी हो जयंत चौधरी ने ताजमहल के ऊपर ट्वीट कर जहां एक तरफ अपने समर्थकों का ध्यान खींचा है. वहीं दूसरी तरफ आलोचकों से भी घिर गए हैं.