मेरठ। इनर रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ हो गई। दौराला और मवाना को आपस में जोड़ा जाएगा । यह करीब 12 किलोमीटर लंबी और फोर लेन बनेगी।एनएचएआई आर इसका निर्माण करेगी। इसकी जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को आरंभ कर दिया गया है।
जल्द ही जमीन का अधिग्रहण पूर्ण होने के बाद यहां इनर रिंग रोड आकार में दिखाई पड़ेगी। इसके अलावा एन एच और हापुड़ को आपस में जोड़ने के लिए फोर लेन लाइन बनाई जाएगी। इसकी भी प्रक्रिया आरंभ हो गई है ,जिसके चलते शहर की जनता को बड़ी राहत मिलेगी। इनर रिंग रोड के चालू होने के बाद शहर में जो ट्रैफिक का दबाव बना हुआ है ,वह बंद हो जाएगा। कोई भी बड़ा वाहन शहर में एंट्री नहीं करेगा ,बल्कि वाहन इनर रिंग रोड से होकर ही बाहर निकलकर हाईवे पर चला जाएगा ।
इस तरह से जनता को राहत मिलेगी। दौराला से मवाना रोड को इनर रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। इसका गजट हो चुका हैं। इसके निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया आरंभ कर दी गई हैं। खुद कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह इसकी समीक्षा कर रहे हैं। कमिश्नर ने पिछले दिनों मीटिंग लेकर दो टूक कह दिया था कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। वर्तमान में दौराला रोड से बड़े वाहनों का शहर से घूमकर ही गढ़ रोड या फिर हापुड़ रोड पर जाना पड़ता हैं।
480 करोड़ खर्च होंगे इनर रिंग रोड पर
शहर को जाम से मुक्त करने के लिए इनर रिंग रोड तैयार की जाएगी। रुड़की रोड और मवाना रोड को आपस में जोडे वाला मार्ग इस रिंग रोड का एक हिस्सा है। 13.4 किमी लंबे इस हिस्से के निर्माण के लिए 12 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। 133 हेक्टेयर जमीन में तैयार होने वाले इस मार्ग के लिए ली जाने वाली भूमि के संयुक्त सर्वे का कार्य एनएचएआइ और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने पूरा करके रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब इस रिपोर्ट के आधार पर प्रत्येक भूमि मालिक को मुआवजे के लिए अवार्ड तैयार करने का काम जल्द शुरू किया जाएगा। 12 गांवों के लगभग 600 किसान और अन्य भूमि मालिकों को मुआवजे के रूप में लगभग 480 करोड़ रुपया वितरित किया जाएगा।
दौराला से सलारपुर तक बनेगा इनर रिंग रोड
दिल्ली-मेरठ रोड स्थित (एनएच-58) और मवाना रोड (एनएच-119) को आपस में जोड़कर दौराला से मवाना रोड पर गांव सलारपुर तक निर्माण होगा। इससे आगे सलारपुर से सिसौली तक तथा सिसौली से हापुड़ रोड तक के हिस्से का निर्माण गढ़ रोड के चौड़ीकरण के कार्य के साथ शुरू हो चुका है। रुड़की रोड से मवाना रोड तक के भाग के लिए अधिग्रहण प्रक्रिया चल रही है। अधिग्रहण की घोषणा के बाद अधिसूचनाएं जारी करके किसानों की आपत्तियों का निस्तारण भी किया जा चुका है।
इसके बाद जिला प्रशासन और एनएचएआइ की संयुक्त टीम द्वारा कई महीने लगाकर 12 गांवों के 13.4 किमी लंबे इस हिस्से में आने वाली जमीन का सर्वे का काम किया गया। इस सर्वे में उक्त भूमि पर अवस्थित किसानों की परिसंपत्तियों को भी दर्ज करके उनका मूल्यांकन किया जाता है। भूमि के मूल्य के साथ इन संपत्तियों के बदले भी किसानों को मुआवजा राशि दी जाती है। एनएचएआई ने यह संयुक्त सर्वे रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है।