मेरठ. उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों की दशा और दिशा बदल रही है. अब यहां के प्राथमिक स्कूलों में कॉन्वेंट से भी बेहतर व्यवस्थाएं देखने को मिलती हैं. मेरठ के एक प्राथमिक स्कूल में तो स्मार्ट क्लास और हाईटेक तरीके से पढ़ाई हो ही रही है, यहां नए छात्र छात्राओं का स्वागत फूल माला से किया जाता है. यही नहीं उनके पेरेंट्स को भी फूल माला पहनाकर स्वागत किया जाता है. अधिकारी भी इस प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर देखकर आश्चर्यचकित रह गए.

गांव गांव में प्राइमरी स्कूल के ज़रिए सरकार घर घर ज्ञान का उजियारा फैला रही है. बच्चे स्कूल चले हम का नारा बुलंद करें इसलिए सरकार तमाम प्रयास करती हैं. चाहे वो बच्चों की ड्रेसों को लेकर लिया गया निर्णय हो या फिर मिड डे मील जैसी व्यवस्था. बावजूद इसके अभी भी पेरेंट्स में जागरुकता की कमी देखने को मिलती है. इस सब के बीच मेरठ के एक प्राथमिक विद्यालय ने ऐसा उदाहरण पेश किया है जो अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणास्रोत हो सकता है. बच्चों और उनके अभिभावकों को मॉटिवेट करने के लिए मेरठ के प्राथमिक विद्यालय अल्लीपुर ने शानदार पहल की है.

 

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां एडमिशन लेने वाले हर बच्चे का स्वागत फूल माला से किया जाता है. यही नहीं बच्चों के माता पिता का भी अभिनंदन किया जाता है. इस मोटिवेशन का असर ये रहा कि इस सत्र में अत्यंत दूरस्थ गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय अल्लीपुर में रिकॉर्ड एडमिशन हुए. स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि यहां एडमिशन लेने के लिए नए छात्र छात्राओं का तांता लगा रहता है.

 

इस प्राथमिक विद्यालय में बाकयदा एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है. प्राथमिक विद्यालय में सेल्फी प्वाइंट देखकर स्कूल पहुंचे सीडीओ भी हैरान रह गए. सीडीओ शशांक चौधरी ने बाकयदा बच्चों के साथ यहां सेल्फी ली. उन्होंने कहा कि ये जीता जागता उदाहरण है कि कोई भी स्कूल या संस्था वहां काम करने वाले लोगों से बेहतर हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस स्कूल में 122 से ज्यादा एडमिशन हो चुके हैं

प्राथमिक विद्यालय के इन बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया. बच्चों ने एक से बढ़कर परफॉरमेंस देकर सभी का मन मोह लिया. वाकई में अगर अन्य स्कूल भी प्राथमिक विद्यालय अल्लीपुरा जैसे हो जाएं तो सूबे के सभी प्राइमरी स्कूल की दशा बदल सकती है. ये प्राथमिक स्कूल प्रदेश के अन्य विद्यालयों के लिए एक रोल मॉडल है.