नोएडा। विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित कुल दस आरोपितों को सेक्टर-113 कोतवाली पुलिस और आइटी सेल की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मंगलवार को दिल्ली के मयूर विहार फेज वन से गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के पास से सात लैपटाप,17 मोबाइल और छह लाख 74 हजार की नकदी बरामद की गई है।
विदेश में नौकरी करने के इच्छुक लोगों का डाटा आरोपित नौकरी डाट काम सहित अन्य वेबसाइट से हासिल करते थे और उन्हें फोन करके अपने जाल में फंसा लेते थे। बाद में रजिस्ट्रेशन,वीजा सहित अन्य शुल्क का हवाला देकर ठगी करते थे। मुरादाबाद निवासी जितेश कुमार फर्जी काल सेंटर को दिल्ली से आपरेट कर रहा था। आरोपितों की पहचान बदायूं निवासी राम कृष्ण सिंह और राम किशन, संभल निवासी पवन कुमार, दिल्ली निवासी दीपेंद्र कुमार और तेजपाल सिंह, प्रतापगढ़ निवासी प्रदीप कुमार सिंह, बिहार के मधुबनी निवासी अरविद कुमार यादव, प्रयागराज निवासी सुभाष चंद्र और मुजफ्फरनगर निवासी रोहित कुमार के रूप में हुई है।
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि आरोपित नौकरी दिलवाने का झांसा देकर अलग-अलग खर्च के बहाने से लाखों रुपये अपने अकाउंट में डलवा लेते थे और पैसे मिलते ही सिम बंद कर देते थे। लोगों को फंसाने के लिए आरोपित नौकरी दिलाने वाली साइट्स पर पहुंचने वाले बायोडाटा को खरीदते थे।
एडीसीपी ने बताया कि आरोपितों ने नोएडा के सेक्टर-75 निवासी एक इंजीनियर से 20 लाख रुपये की ठगी की थी। इंजीनियर को सिगापुर में करोड़ों रुपये का पैकेज दिलाने की बात कहकर आरोपितों ने झांसे में लिया था। पीड़ित की शिकायत पर कोतवाली पुलिस और आइटी सेल की टीम जांच में जुट गई और आरोपितों तक पहुंचने में कामयाब रही। काल सेंटर में काम करने वाले सभी लोग पहले अलग-अलग जगह काम करते थे।
जितेश ने सबको एकत्र किया और मयूर विहार में ठगी का काल सेंटर चलाने लगा। काल सेंटर करीब छह महीने पहले खोला गया था। यहां काम करने वाले कर्मचारियों को 20 हजार रुपये हर महीना मिलता था। कमीशन अलग से दिया जाता था। यह गिरोह पकड़ने वाली टीम में सेक्टर-113 थाना प्रभारी शरद कांत, आइटी सेल से विजय सिंह राणा, एसआइ निशांत मलिक व अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं।
कोतवाली प्रभारी शरदकांत ने बताया कि आरोपित रिक्शे वाले और रेहड़ी वाले से दो सौ रुपये में आइडी लेते थे और उनके नाम से सिम लेकर ठगी की घटना को अंजाम देते थे। अकाउंट नंबर में भी इन्हीं लोगों की आइडी लगाते थे और उसी पर पैसे मंगाते थे। पुलिस सभी अकाउंट को खंगाल रही है। गिरोह का सरगना जितेश किराए पर नोएडा के चौड़ा रघुनाथपुर में रह रहा था। यह पहले सेक्टर-62 के एक बीपीओ में नौकरी करता था।