लखनऊ. योगी सरकार 2.0 का पहला बजट गुरुवार को यूपी विधानसभा में पेश हुआ. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करते हुए कई बड़े ऐलान किए. 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपए के बजट में योगी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु प्रदेश के 18 मंडलों में प्रत्येक मंडल में 1-1 अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है. इस हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. उन्होंने कहा कि कामगारों, श्रमिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को सुनियोजित ढंग से प्राप्त किये जाने हेतु “उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक ( सेवायोजन और रोजगार ) आयोग ” का गठन किया गया है.

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि शहरी स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के अन्तर्गत 8 लाख 45 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण वितरित कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. प्रदेश के 10 शहरों में 19 मॉडल स्ट्रीट वेंडिंग जोन्स का विकास किया जा रहा है. शहरी बेघरों के लिये आश्रय योजना के अन्तर्गत 130 शेल्टर होम क्रियाशील किये जा चुके हैं.

बुजुर्गों, दिव्यांगों और निराश्रित महिलाओं के लिए पेंशन राशि को बढ़ाकर 1000 रुपए मासिक कर दिया गया है. वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन की राशि को बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह की दर से लगभग 56 लाख वृद्धजन को पेंशन प्रदान की जा रही है. इस योजना के लिए 7053 करोड़ 56 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

निराश्रित महिला पेंशन योजना
निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रुपए प्रतिमाह को बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस 12 योजना के तहत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया. वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना के लिए 4032 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है.

बुजुर्गों-दिव्यांगों को 1000 रुपए पेंशन
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है. दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान की धनराशि जो वर्ष 2017 के पूर्व मात्र 300 रुपए प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, को बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है. प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है.